देश को कुवैत से बड़े निवेश की आस, देश की ऊर्जा जरूरत को पूरा करने में है इसकी अहम भूमिका
कुवैत भारत का छठा बड़ा तेल व गैस आपूर्तिकर्ता देश है। खासतौर पर नेचुरल गैस की आपूर्ति में कुवैत अहम भूमिका है। इसके साथ ही कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय काम करते हैं जो वहां विदेशी कामगारों में किसी एक देश से सबसे बड़ी संख्या है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कुवैत की यात्रा पर गए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने वहां के निवेशकों को भारत में निवेश बढ़ाने के लिए प्रेरित करने की कवायद शुरू कर दी है। उन्होंने दौरे के पहले दिन कुवैत के पेट्रोलियम मंत्री और बिजली व पानी सेक्टर के कार्यवाहक मंत्री खालिद अली मुहम्मद अल फदेल से मुलाकात की। प्रधान के अनुसार बैठक में भारत और कुवैत के बीच तेल व गैस के क्षेत्र में साझीदारी और द्विपक्षीय निवेश को बढ़ाने पर चर्चा हुई।
कुवैत भारत का छठा बड़ा तेल व गैस आपूर्तिकर्ता देश है। खासतौर पर नेचुरल गैस की आपूर्ति में कुवैत अहम भूमिका है। इसके साथ ही कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय काम करते हैं, जो वहां विदेशी कामगारों में किसी एक देश से सबसे बड़ी संख्या है। धर्मेद्र प्रधान ने कुवैत पहुंचते ही सबसे पहले वहां के अमीर शेख नवाफ अल-अहमद अल-सबाह से मुलाकात की और पूर्व अमीर शेख सबह अल-अहमद अल-जबर अल-सबह की मौत पर शोक जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के शोक संदेश पत्र भी अमीर को सौंपे।
सऊदी अरब पहले ही भारत में बड़े पैमाने पर निवेश का एलान कर चुका है। उसके प्रतिद्वंदी कुवैत का भारत की विकास यात्रा में साझीदार बनना देश की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जाएगी।
कुछ दिन पहले ही शेख सबाह अल अहमद का हुआ था निधन
बता दें कि कुवैत के शीर्ष राजनयिक व शासक शेख सबाह अल अहमद अल सबाह की 29 सितंबर को मृत्यु हो गई थी। वह 91 वर्ष के थे। 1990 के खाड़ी युद्ध के बाद इराक से नजदीकी बढ़ाने के लिए तेल संपन्न राष्ट्र के शीर्ष राजनयिक के रूप में जाने जाते थे। वह शेख अहमद अल-जबर अल-सबा के चौथे बेटे थे। 83 वर्षीय उनके भाई शेख नवाफ अल अहमद अल सबा को क्राउन प्रिंस के रूप में कुछ शक्तियां अस्थायी रूप से दी गई है।