शांति वार्ता के बीच तालिबान ने कहा, हथियार डालने की मांग करना बंद करे अमेरिका
अफगानिस्तान में जन्मे अमेरिकी राजनयिक खलीलजाद इस समय तालिबान के साथ दोहा में छठे दौरे की वार्ता कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट किया जो तालिबान को नागवार गुजरा।
काबुल, रायटर। अफगानिस्तान में जारी संघर्ष खत्म कराने के प्रयास में जुटे अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजाद का एक ट्वीट तालिबान को नागवार गुजरा है। आतंकी संगठन ने कहा है कि खलीलजाद तालिबान से हथियार डालने की मांग करना बंद कर दें और इसकी जगह उन्हें अपने देश को बल प्रयोग बंद करने के लिए समझाना चाहिए।
अफगानिस्तान में जन्मे अमेरिकी राजनयिक खलीलजाद इस समय तालिबान के साथ कतर की राजधानी दोहा में छठे दौरे की वार्ता कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच यह बातचीत बुधवार से चल रही है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'हमारी वार्ता के प्रारंभिक सत्र में मैंने तालिबान से जोर देकर कहा कि अफगान लोग यानी आपके भाई-बहन इस संघर्ष को खत्म करना चाहते हैं। इसलिए यह हथियार डालने, हिंसा रोकने और शांति की राह पर चलने का वक्त है।' इसके जवाब में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कई तीखे ट्वीट किए। एक ट्वीट में मुजाहिद ने लिखा, 'उन्हें हथियार डालने के विचार को भूल जाना चाहिए। इस तरह की कल्पनाओं की जगह उन्हें अमेरिका को बल प्रयोग बंद करने के लिए समझाना चाहिए।'
तालिबान का बढ़ा प्रभाव
2001 में अफगानिस्तान की सत्ता से बेदखल होने के बाद हाल के दौर में तालिबान के हमले बढ़ गए हैं। अफगानिस्तान में उसके कब्जे या प्रभाव वाले क्षेत्रों में भी बढ़ोतरी है।
अफगानिस्तान में 14 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात
युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में इस समय करीब 14 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। वे अफगान बलों को तालिबान से मुकाबले के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं।
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