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अखुंदजादा और बरादर की होगी अफगान सरकार में मुख्य भूमिका, पूर्व सत्ता वाला माडल अपना सकता है तालिबान

तालिबान के सामने अपना सुधारवादी चेहरा पेश करने की चुनौती है। इसलिए वह मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को राष्ट्रपति बनाकर दुनिया के सामने अपना राजनीतिक स्वरूप पेश कर सकता है। मुल्ला बरादर तालिबान की राजनीतिक शाखा का प्रमुख है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 01:49 AM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 02:25 AM (IST)
अखुंदजादा और बरादर की होगी अफगान सरकार में मुख्य भूमिका, पूर्व सत्ता वाला माडल अपना सकता है तालिबान
कट्टरपंथी संगठन के टाप कमांडरों की परिषद सरकार चलाएगी

काबुल, रायटर। अफगानिस्तान में सरकार गठन पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। तालिबान को करीब से जानने वालों का बड़ा तबका मान रहा है कि कट्टरपंथी संगठन के टाप कमांडरों की परिषद सरकार चलाएगी और उसका सर्वेसर्वा तालिबान का सर्वोच्च कमांडर मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा होगा।

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तालिबान के सामने सुधारवादी चेहरा पेश करने की चुनौती

एपी ने जो विश्लेषण प्रस्तुत किया है उसके अनुसार तालिबान के सामने अपना सुधारवादी चेहरा पेश करने की चुनौती है। इसलिए वह मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को राष्ट्रपति बनाकर दुनिया के सामने अपना राजनीतिक स्वरूप पेश कर सकता है। मुल्ला बरादर तालिबान की राजनीतिक शाखा का प्रमुख है और हाल के महीनों में जितनी भी वार्ता हुई हैं, सभी में तालिबान के वार्ताकारों का नेतृत्व उसी ने किया है।

पूर्व सत्ता वाला माडल अपना सकता है तालिबान, याकूब और हक्कानी की होगी प्रमुख भूमिका

अफगानिस्तान में 1996 से 2001 तक की तालिबान की सत्ता में,  देश को कमांडरों और कबीला प्रमुखों की एक परिषद ही चलाती थी। जबकि सुप्रीम लीडर की भूमिका में मुल्ला उमर था। माना जा रहा है कि मुल्ला उमर के शासन का वह माडल ही इस बार भी कार्य करेगा और मौलाना अखुंदजादा खुद को मुल्ला उमर वाली भूमिका में ही रखेगा। रोजमर्रा के काम परिषद ही संभालेगी। ये भी हो सकता है कि अखुंदजादा की पसंद का कोई व्यक्ति राष्ट्रपति बना दिया जाए। सरकार में मुल्ला उमर के बेटे मलावी याकूब और हक्कानी नेटवर्क के मुखिया सिराजुद्दीन हक्कानी की भी प्रमुख भूमिका होगी।

सरकार बनाने की कवायद में जुटे तालिबान

सरकार बनाने की कवायद में जुटे तालिबान की अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, पूर्व मंत्री अब्दुल्ला अब्दुल्ला और वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत हुई है। करजई के प्रवक्ता मुहम्मद यूसुफ साहा ने कहा कि तालिबान के अधिकारियों के साथ प्रारंभिक बातचीत के बाद अगले हफ्ते उसके बड़े नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के साथ बैठक का रास्ता खुलेगा। बरादर 10 साल बाद अफगानिस्तान लौटा है।

करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला की मुलाकात

बुधवार को करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला की मुलाकात तालिबान के अनस हक्कानी की मुलाकात हुई। अनस उसी हक्कानी नेटवर्क का सदस्य है जिसे अमेरिका ने 2012 में आतंकवादी समूह घोषित किया था।


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