Move to Jagran APP

अफगानी राजनेताओं ने ईरान पर लगाए तालिबान के समर्थन का आरोप, कहा- ‘राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने की इजाजत किसी को नहीं’

ईरान पर आतंकी संगठन तालिबान की वित्तीय सहायता करने के आरोप लगे हैं। कई अफगानी राजनेताओं और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को अफगानिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए तालिबान और अन्य विद्रोही समूहों की वित्तीय सहायता के लिए ईरान सरकार को दोषी ठहराया है।

By Amit KumarEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 10:01 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 10:01 PM (IST)
अफगानी राजनेताओं ने ईरान पर लगाए तालिबान के समर्थन का आरोप, कहा- ‘राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने की इजाजत किसी को नहीं’
Afghan politicians activists blame Iran of assisting terrorists in Afghanistan

काबुल, एजेंसियां: पाकिस्तान के बाद अब ईरान पर आतंकी संगठन तालिबान की वित्तीय सहायता करने के आरोप लगे हैं। कई अफगानी राजनेताओं और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को अफगानिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए, तालिबान और अन्य विद्रोही समूहों की वित्तीय सहायता देने के लिए ईरान सरकार को दोषी ठहराया है।

loksabha election banner

जनसभा में लगाए गए आरोप

एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल में जनसभा के दौरान राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं ने अफगानिस्तान के पश्चिमी क्षेत्र में, अशांति के लिए ईरान को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। अफगान के हम्फ़िक्रान राष्ट्रीय गठबंधन के प्रमुख अब्दुल सम्मदफॉर्मली ने सभा के दौरान कहा कि, अफगानिस्तान में ईरान का हस्तक्षेप बिल्कुल भी बरदाशत नहीं किया जाएगा। वो किसी को भी राष्ट्रीय हितों को नुकसान नहीं पहुंचाने की इजाजत नहीं देते हैं। इस दौरान उन्होंने तेहरान पर सलमा बांध के लिए खतरा पैदा करने का भी आरोप लगाए। अपने एक बयान में अब्दुल ने कहा कि, हेरात प्रांत में अफगानिस्तान का सलमा बांध महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का एक हिस्सा है, और इसे किसी भी खतरे से बचाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। वहीं, देश के अन्य राजनीतिक दल हकवा अदालत पार्टी के प्रमुख मोइन समकानाई ने कहा कि, ईरान को अफगानिस्तान में पैदा हुए मुश्किल हालातों का फायदा उठाना बंद कर देना चाहिए। साथ ही देश में जल निकायों के लिए समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए।

‘हशद अल-शिया’ ने किया अफगान का समर्थन

इस बीच ईरान में तालिबान विरोधी शिया, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अफगान सरकार का लगातार समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद से मदद का सिलसिला जारी रखा है। ईरानी अखबार 'इस्लामिक रिपब्लिक' की खबर के मुताबिक, ‘हशद अल-शिया’ समुह ने अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी को लेकर घोषणा की है। समूह ने अपनी घोषणा में कहा है कि, वो शिया मुस्लमानों के अधिकारों की रक्षा के अनुभव के साथ, अब वे अफगानिस्तान की एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार हैं। इसके लिए वो, आतंकवादी समूहों और तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ अफगानिस्तान के लोगों के साथ मोर्चा संभालेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.