मोसुल में 23 हजार इराकी जवानों ने गंवाई जान
इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की राजधानी मोसुल पर दोबारा कब्जा पाने में नौ महीने से ज्यादा चले भीषण संघर्ष में इराकी सुरक्षा बलों को 23 हजार जवान गंवाने पड़े। यह जानकारी इराकी संसद को दी गई है।
मोसुल, आइएएनएस : इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की राजधानी मोसुल पर दोबारा कब्जा पाने में सुरक्षा बलों को नाकों चने चबाने पड़ गए। नौ महीने से ज्यादा चले भीषण संघर्ष में इराकी सुरक्षा बलों को 23 हजार जवान गंवाने पड़े। यह जानकारी इराकी संसद को दी गई है।
संसद की रक्षा मामलों की समिति के प्रमुख हाकिम अल-जामिली के अनुसार इस संघर्ष में करीब 70 हजार जवान घायल हुए। संघर्ष में मोसुल शहर बर्बाद हो गया जिससे करीब तीन अरब डॉलर (करीब 20,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। संघर्ष के चलते मोसुल के लोगों को हुआ नुकसान इसके अतिरिक्त है। इस प्राचीन शहर पर आइएस ने 2014 में कब्जा किया था जो करीब तीन साल तक बना रहा। संसदीय समिति अब उन कारणों का पता लगा रही है जिनके चलते आतंकी संगठन इस शहर को अपना मुख्य ठिकाना बनाने में कामयाब रहा। इस सिलसिले में अभी कोई न्यायिक जांच नहीं की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मोसुल हाथ से निकलने पर ही इराक में आइएस की कमर टूटी थी। सीरिया की सीमा के नजदीक स्थित इस शहर से कब्जा खत्म होने पर आइएस के लड़ाके पड़ोसी देश गए। वहां पर भी कुछ महीनों के बाद एक-एक करके इलाके हाथ से निकलते चले गए। सीरिया की राजधानी रक्का भी इसी दौर में आइएस के हाथ से निकल गई थी। इसी के बाद इराक और सीरिया से आइएस का खात्मा संभव हो सका।