महज 24 हफ्ते के 268 ग्राम के नवजात को बचाने में कामयाब रहे जापानी डॉक्टर
दुनिया में पहली बार इतने कम वजन वाले नवजात लड़के को बचाने में डॉक्टर कामयाब हुए हैं। इससे पहले 2009 में जर्मनी में पैदा हुए 274 ग्राम के नवजात लड़के को बचाया गया था।
टोक्यो, एएफपी। जापान में महज 24 हफ्ते में पैदा हुए 268 ग्राम के नवजात को बचा लिया गया है। गर्भ में विकास रुकने के कारण समयपूर्व ही उसका प्रसव कराना पड़ा था। जन्म के समय वह इतना छोटा था कि दो हथेलियों के बीच समा सकता था। टोक्यो स्थित किओ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के अनुसार, इस बच्चे का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
अस्पताल से छुट्टी के बाद इस नवजात की मां ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। ईमानदारी से कहूं तो मैं उसके बचने की उम्मीद लगभग छोड़ चुकी थी।’ पांच महीने के इलाज के बाद वह अब 3.238 किलोग्राम का हो गया है। उसका इलाज करने वाले डॉक्टर ताकेशी अमृतशु ने कहा, ‘मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि पैदा होने के समय बहुत कमजोर रहने वाले बच्चे भी जीवित रह सकते हैं। इसलिए हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।’ यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक जापान में नवजात मृत्युदर सबसे कम है।
दुनिया में पहली बार इतने कम वजन वाले नवजात लड़के को बचाने में डॉक्टर कामयाब हुए हैं। इससे पहले 2009 में जर्मनी में पैदा हुए 274 ग्राम के नवजात लड़के को बचाया गया था। सबसे छोटी जीवित नवजात का रिकॉर्ड जर्मनी की ही एक बच्ची के नाम है। 2015 में पैदा हुई उस बच्ची का वजन जन्म के समय सिर्फ 252 ग्राम था। आमतौर पर कमजोर नवजात बच्चियों के बचने की संभावना लड़कों से अधिक होती है।
वैज्ञानिक अभी तक इस कारण का पता नहीं लगा पाए हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि नवजात लड़कों में फेफड़ों का विकास लड़कियों की अपेक्षा देरी से होता है। इसी कारण समयपूर्व पैदा होने या कमजोर होने पर भी बच्चियों के जीवित रहने की संभावना अधिक होती है।