म्यांमार में पत्रकारों की रिहाई के लिए हर प्रयास करेगा विश्व समुदाय
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है। उन पर जो धाराएं लगाई गई हैं उनमें 14 साल तक की जेल हो सकती है।
टोक्यो (रायटर/एएफपी)। म्यांमार में रिपोर्टिंग के लिए गए रायटर के दो पत्रकारों की गिरफ्तारी दर्शाती है कि वहां पर प्रेस की आजादी पर आघात हो रहा है। दोनों पत्रकारों की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय हर संभव प्रयास करेगा। यह बात संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने जापान यात्रा के दौरान कही है।
गुतेरस ने कहा कि दुनिया के लिए यह चिंता का विषय है कि म्यांमार में मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर दमन हुआ है। रखाइन प्रांत में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों पर जिस तरह की सैन्य कार्रवाई हुई उससे साढ़े छह लाख लोग भागकर बांग्लादेश पहुंचे। जब जमीनी हालात जानने के लिए संवाददाता म्यांमार पहुंचे तो उन्हें रोक दिया गया। उनमें से दो को गिरफ्तार करके प्रताडि़त किया गया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है। उन पर जो धाराएं लगाई गई हैं उनमें 14 साल तक की जेल हो सकती है। इससे प्रेस की आजादी को आघात लगा है। जबकि म्यांमार के सूचना मंत्रालय ने कहा है कि पत्रकारों ने अवैध तरीके से सूचनाएं एकत्रित कीं और उन्हें विदेशी मीडिया के साथ साझा किया। इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचा। संयुक्त राष्ट्र म्यांमार में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिमों के सफाए का आरोप लगा चुका है।
चीन में कोरियाई फोटोग्राफर की पिटाई से आक्रोश
दक्षिण कोरिया के मीडिया ने चीन के सुरक्षा बल जवानों की पिटाई में साथी फोटो पत्रकार के घायल पर गुस्सा जताया है। यह फोटो पत्रकार दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई-इन के चीन दौरे को कवर करने के लिए बीजिंग गया था। चीनी जवानों की पिटाई में यह पत्रकार घायल हो गया। पत्रकार के खिलाफ बर्बर कार्रवाई पर दक्षिण कोरिया के विपक्ष ने भी नाराजगी जताई है और सरकार से चीन को कड़ा संदेश देने के लिए कहा है। मुख्य विपक्षी दल लिबर्टी कोरिया पार्टी ने राष्ट्रपति मून से तत्काल अपना दौरा खत्म करके वापस सियोल लौटने की मांग की है।
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