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जापान में दिखी गहरे पानी की दुर्लभ मछली, सुनामी के खतरे से बढ़ी दहशत

साल 2011 में तोहोकू भूकंप से पहले गहरे समुद्र में पाई जाने वाली करीब 20 मछलियां उत्तर पूर्वी जापान के समुद्री तट पर आई थीं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 08:10 PM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 08:13 PM (IST)
जापान में दिखी गहरे पानी की दुर्लभ मछली, सुनामी के खतरे से बढ़ी दहशत
जापान में दिखी गहरे पानी की दुर्लभ मछली, सुनामी के खतरे से बढ़ी दहशत

टोक्यो, आइएएनएसजापानी सोशल मीडिया में इन दिनों लोग सुनामी की आहट के बारे में चर्चा कर रहे हैं। दरअसल, गहरे समुद्र में रहने वाली मछली रहस्यमयी तरीके से समुद्र के तट पर दिखाई देने लगी है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि जापान में जल्द ही कोई प्राकृतिक आपदा आ सकती है।

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पिछले दस दिनों में टोयामा खाड़ी के आस तीन ओरफिश मिल चुकी हैं। यह मछली गहरे समुद्र में 3,000 फीट गहराई में रहती हैं और शायद ही कभी सतह पर आती हैं। जापान में मान्यता है कि ओरफिश 'समुद्री देवता के महल की संदेशवाहक' हैं और भूकंप से पहले वे समुद्र के तट पर आती हैं।

लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2011 में तोहोकू भूकंप से पहले उत्तर पूर्वी जापान के समुद्री तट पर करीब 20 मछलियां आई थीं। इसके बाद आया भूकंप हाल के इतिहास में सबसे विनाशकारी था, जिसमें 19,000 लोग मारे गए थे और फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र नष्ट हो गया था।

साल 2010 में चिली में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप से पहले भी दर्जनों मछलियों समुद्र के तट पर आ गई थीं। इसी तरह 11 फरवरी को मिंडानाओ द्वीप पर आए विनाशकारी भूकंप से कुछ ही दिन पहले फिलीपींस के अगुसन डेल नॉर्ट में ओरफिश मिली थीं। 6.3 तीव्रता के भूकंप से पहले भी तट के पास पांच और ओरफिश मिली थीं।

हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि ओरफिश के समुद्र तट पर दिखने और भूकंप के बीच कोई निश्चित संबंध नहीं है। मगर, शोधकर्ताओं ने माना कि वे प्राकृतिक आपदाओं को महसूस कर सकती हैं।

कैम्ब्रिज में एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी में पशु जीव विज्ञान के लेक्चरर रशेल ग्रांट ने बताया कि जब भूकंप आता है, तो चट्टानों में दबाव का निर्माण हो सकता है। इससे इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज हो सकते हैं, जो आवेशित आयनों को पानी में छोड़ते हैं। इससे विषैले यौगिक ​​हाइड्रोजन परऑक्साइड का निर्माण हो सकता है।

आवेशित आयन कार्बनिक पदार्थों को भी ऑक्सीकृत कर सकते हैं, जो या तो मछलियों को मार सकते हैं या उन्हें गहरे समुद्र को छोड़ने के लिए मजबूर कर सकते हैं। जापान पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर विभिन्न फॉल्ट लाइनों में बसा हुआ है। हाल के वर्षों में यहां काफी गतिविधियां देखी गई हैं। विशेष रूप से चिंता टॉयमा खाड़ी से विपरीत दिशा में ननकाई ट्रफ की है, जो देश के पूर्वी तट के पास है।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस फाल्ट में किसी भी भूकंप के कारण व्यापक तबाही और जीवन का एक बड़ा नुकसान होगा। संभवतः टोक्यो या ओसाका के बड़े हिस्से को मिटा सकता है, जो जापान में दो सबसे अधिक आबादी वाले शहर हैं। यहां आमतौर पर जोड़े में भूकंप आते हैं। लिहाजा ओरफिश के समुद्र तटों पर पाए जाने के बाद जापान के लोगों में दहशत है।


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