50 हजार टन ई-वेस्ट से बनेंगे पांच हजार ओलंपिक मेडल, जानें क्या कहते हैं आंकड़े
टोक्यो की ओलंपिक आयोजक कमेटी के मुताबिक, ओलंपिक 2020 और पेरालंपिक में खिलाड़ियों को करीब 50 हजार टन इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट से तैयार किए पांच हजार मेडलों से सम्मानित किया जाएगा।
जापान। जापान की राजधानी टोक्यो में होने वाला ओलंपिक 2020 का आयोजन कई मायनों में खास होने वाला है, क्योंकि इनमें न सिर्फ दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी अपना परचम लहराएंगे बल्कि ई-वेस्ट से निपटने की अनोखी पहल दुनिया के सामने शानदार तरीके से पेश की जाएगी। टोक्यो की ओलंपिक आयोजक कमेटी के मुताबिक, ओलंपिक 2020 और पेरालंपिक में खिलाड़ियों को करीब 50 हजार टन इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट से तैयार किए पांच हजार मेडलों से सम्मानित किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक कचरा पिछले कुछ वर्षों में एक चुनौती बन चुका है और इसे ठिकाने लगाने के तरीकों पर काम किया जा रहा है। ऐसे में ये पहल एक सराहनीय कदम मानी जा सकती है।
अनोखी पहल
पुराने स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट व डिवाइस के अंदर से इन धातुओं को निकाला जाएगा और उसे छांटकर रिफाइन किया जाएगा। इसके बाद इनसे मेडल बनाए जाएंगे।
इस बड़े आयोजन के बजट पर पड़ेगा असर
आयोजकों ने इसके लिए नवंबर 2018 तक 47.88 टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा इकट्ठा कर लिया है, जो आठ टन सोना, चांदी और कांस्य के बराबर है। इससे पांच हजार मेडल तैयार किए जा सकेंगे। टोक्यो 2020 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तोशीरो मुतो ने कहा था कि ओलंपिक में कुछ क्षेत्रों में खर्चों में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन हम ने सफलतापूर्वक कुछ अन्य क्षेत्रों के बजट में कटौती की है।
बढ़ती चुनौती
दुनिया में हर साल 29 फीसद की दर से इलेक्ट्रॉनिक कचरा बढ़ रहा है। भारत में सालाना तकरीबन दो मिलियन टन (20 लाख टन) इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा होता है। भारत ई-वेस्ट पैदा करने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल है, जहां पिछले छह सालों में इसकी मात्रा पांच गुनी हो गई है।
क्या है ई-वेस्ट
जब हम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लंबे समय तक इस्तेमाल करने या खराब होने के बाद बदलते हैं तो इस अनुपयोगी और खराब उपकरण को इलेक्ट्रॉनिक कचरा कहा जाता है। इसमें कंप्यूटर, मोबाइल फोन, प्रिंटर्स, फोटोकॉपी मशीन, इन्वर्टर, यूपीएस, एलसीडी/टेलीविजन, रेडियो, ट्रांजिस्टर, डिजिटल कैमरा आदि शामिल हैं।
रियो ओलंपिक से हुई शुरुआत
2016 में हुए रियो डी जेनेरियो ओलंपिक में 30 फीसद मेडल रिसाइकिल इलेक्ट्रॉनिक कचरे से बनाए गए थे। हालांकि सार्वजनिक, औद्योगिक और व्यवसायिक तौर पर पहली बार इतने बढ़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक कचरे को रिसाइकिल किया जा रहा है।