टोक्यो, रॉयटर्स। कोरोना महामारी ने दुनिया के तमाम देशों को प्रभावित किया हुआ है। इस जानलेवा बीमारी से जापान भी अछूता नहीं है। चीन के वुहान से फैले इस संक्रमण से ना सिर्फ लोगों की जिंदगी पर आर्थिक प्रभाव पड़ा है बल्की इस महामारी ने लोगों की जिदंगी में तनाव को बढ़ाने का कार्य किया है। साल 2020 में जापान में कोरोना वायरस के चलते आत्महत्या में बढ़ोत्तरी हुई है। यहां पर सबसे ज्यादा आत्महत्या महिलाओं ने की है। संक्रमण का वजह से लोगों की जॉब छूट गई तो कहीं पर वेतन काट कर दिया गया। ऐसे में आर्थिक परेशानी ने लोगों की जिंदगी में तनाव बढ़ाने का काम किया, जिसका नतीजा यह रहा है कि ज्यादातर किसान और महिलाओं ने आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गए।
रॉयटर्स रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को प्रकाशित प्रारंभिक पुलिस आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल आत्महत्याएं 20919 थीं, जो 2019 की तुलना में 750 अधिक हैं। कार्यकर्ताओं और शोधकर्ताओं के अनुसार, साल 2020 के शुरुआत में आत्महत्या के मामले गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन जुलाई में महामारी के चलते आत्महत्या के मामलों में इजाफा हुआ है। लिंग के आधार पर 13,943 पुरुषों और 6,976 महिलाओं ने कोरोना वायरस के चलते लोगों ने अपनी जान ली है।
रिपोर्ट के मानें तो पिछले साल की तुलना में सिर्फ 1 फीसद पुरुषों में आत्महत्या के मामलों में गिरावर्ट दर्ज हुई है तो 14.5 फीसद महिलाओं के मामलों में इजाफा हुआ है। बताया जा रहा है कि रिटेल सेक्टर में काम करने वाली अधिकतर महिलाएं की इस महामारी में जॉब चली गई, जिसके चलते उनकी जिंदगी पर बहुत प्रभाव पड़ा। आर्थिक रुप से कमजोर होने के बाद यह महिलाएं तनाव की ओर जाती चली गईं आलम यह रहा कि वह आत्महत्या करने को मजबूर हुईं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने एक समाचार ब्रीफिंग में यह जानकारी दी है। आगे अधिकारी ने बताया कि सुसाइड करने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं. लेकिन उन्हें लगता है कि कोरोना महामारी ने लोगों की जिंदगी पर काफी असर डाला है।
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