जापान: बाढ़ के बाद तबाही का मंजर; 73000 सैनिक बचाव अभियान में जुटे
जापान में आए जानलेवा बाढ़ के बाद सेना की तरफ से खोज व तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
टोक्यो (आईएएनएस)। जापान में भारी बारिश व बाढ़ के बाद 127 लापता लोगों को खोजने के लिए शुक्रवार को अभियान शुरू किया गया। बाढ़ से अब तक 204 लोगों की मौत हो चुकी है। समाचार एजेंसी 'एफे' ने सरकार के प्रवक्ता योशिदे सुगा के हवाले से बताया कि इस बचाव अभियान के लिए 81 हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है और लगभग 73,000 सैैैैनिक, पुलिस व दमकलकर्मी इस अभियान में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने 5,500 स्वयंसेवकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जो शरणार्थी शिविरों में रह रहे 7,000 लोगों की देखभाल कर रहे हैं।
सार्वजनिक प्रसारक 'एनएचके' के मुताबिक, अगले तीन दिनों में प्रभावित इलाकों में और अधिक स्वयंसेवकों के पहुंचने की उम्मीद है और एबी ने अधिकारियों से शरणार्थी शिविरों में लोगों की सुरक्षा और गर्मी से बचने के लिए कदम उठाने के लिए कहा है।
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, आपदा से प्रभावित कई क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने की उम्मीद है जिससे अस्थायी आश्रयों में रह रहे लोगों को लू लगने और संक्रामक रोग होने का खतरा है। वहीं, शुक्रवार को एबी एहिमे (पश्चिम) का दौरा कर राहत व बचाव कार्य का जायजा ले सकते हैं।
बाढ़ पीड़ितों से मिले PM एबी, दिया मदद का आश्वासन
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी आज बाढ़ पीड़ितों से मिले। बता दें कि पिछले दिनों जापान में भारी बारिश के बाद आए बाढ़ ने 204 लोगों की जान ले ली थी। कई लोग भूस्खलन से प्रभावित हुए, हजारों लोग बेघर हो गए हैं उनके सामने आश्रय, और खाने-पीने की समस्या आ खड़ी हो गई है। मरनेवालों की संख्या बढ़ भी सकती है, 28 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। लगभग 73,000 बचावकर्मी बचाव व राहत कार्यों के लिए लगे हुए हैं।
इसी कारणों से शिंजो एबी ने इस सप्ताह अपना विदेश दौरा भी रद कर दिया था, वे प्रभावितों के घर-घर जाकर उनका जायजा ले रहे हैं। उन्होंने लोगों को अधिक से अधिक मदद के लिए आश्वासन दिया। एबी ने कहा कि इस साल के बजट से 18 मिलियन डॉलर फंड राहत कार्यों के लिए देंगे साथ ही उन्होंने स्थानीय सरकारों से खर्च की चिंता किए बिना पीड़ितों की हरसंभव मदद करने की अपील की है। बताया जा रहा है कि जानलेवा बारिश और बाढ़ के कारण देश को 207 मिलियन डॉलर का नुक्सान हुआ है। कृषि मंत्रालय का कहना है कि कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।