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DATA STORY: हर ओलंपिक में अब तक इतना हुआ खर्च, कुछ ओलंपिक की लागत कई गुना बढ़ी

दुनिया भर के कई शिक्षाविदों और अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ओलंपिक जैसे महंगे खेल आयोजित करने का बोझ देशों की इकोनॉमी पर पड़ता है। वहीं इस बार कोरोना आपदा की वजह से जापान टूरिज्म और दर्शकों को भी अधिक आकर्षित करने में विफल रहा है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 09:00 AM (IST)
DATA STORY: हर ओलंपिक में अब तक इतना हुआ खर्च, कुछ ओलंपिक की लागत कई गुना बढ़ी
खेलों को एक साल के लिए स्थगित करने से जापान को 2.8 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च आया।

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। टोक्यो में ओलंपिक खेलों का आगाज हो चुका है। दुनिया भर की टीमें ओलंपिक में अपना दमखम दिखा रही हैं। भारत को मीराबाई चानू ने ओलंपिक में इस बार का पहला पदक दिलाया है। पर क्या आप जानते हैं कि ओलंपिक खेलों का आयोजित करना काफी महंगा काम है। दुनिया भर के कई शिक्षाविदों और अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ओलंपिक जैसे महंगे खेल आयोजित करने का बोझ देशों की इकोनॉमी पर पड़ता है। वहीं इस बार कोरोना आपदा की वजह से जापान टूरिज्म और दर्शकों को भी अधिक आकर्षित करने में विफल रहा है। खेलों की तारीख बढ़ने का असर भी टोक्यो ओलंपिक के बजट पर पड़ा है।

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खेलों को एक साल के लिए स्थगित करने से जापान को 2.8 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च आया, जिसमें से दो-तिहाई का भुगतान पब्लिक फंडिंग के साथ किया गया था। जापान का मानना है कि यह खर्च पहले से ही काफी अधिक था जो आगे बढ़ने से और ज्यादा हो गया। जब 2013 में जापानी राजधानी को ओलंपिक कराने की अनुमति दी गई थी, तो बिड कमेटी ने 7.3 बिलियन डॉलर का अनुमान लगाया था। 2019 में इसे संशोधित कर दिया गया। 2019 में इसकी कीमत बढ़कर 12.6 बिलियन डॉलर हो गई। 2014 में रुस के शहर सोची में आयोजित हुए ओलंपिक की लागत 289 फीसद बढ़ गई। इस ओलंपिक में कुल खर्च 21.9 बिलियन डॉलर आया था।

जापान के नेशनल ऑडिट बोर्ड ने बाद में बताया कि अंतिम लागत 22 अरब डॉलर से कहीं अधिक होगी। वित्तीय समाचार पत्र निक्केई और असाही का दावा है कि ओलंपिक की मेजबानी की अंतिम लागत वास्तव में 28 बिलियन डॉलर की होगी।

2016 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए शोध और वेबसाइट प्ले द गेम से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में अधिकांश शहरों में खेलों को आयोजित करने की लागत कैसे बढ़ी है। 1976 में मॉन्ट्रियल खेलों में जितना अनुमान लगाया गया था वहां 720 प्रतिशत से अधिक बजट लग गया। 1992 में बार्सिलोना ने ओलंपिक आयोजित करने में अनुमानित लागत से 266 प्रतिशत अधिक लागत आ गई। लंदन में 2012 में हुए ओलंपिक खेलों में तय की लागत से 76 फीसद अधिक लग गई। 2012 के ओलंपिक खेलों में 15 बिलियन डॉलर खर्च हुए। वहीं 2016 में रियो डि जेनेरियो ओलंपिक में 352 फीसद लागत निश्चित लागत से ज्यादा आई। रियो डि जेनेरियो ओलंपिक खेलों में कुल 13.7 बिलियन डॉलर लागत आई। टोक्यो में ओलंपिक 8 अगस्त तक चलेंगे।

दो अमेरिकी एकेडमिक्स विक्टर मैथेसन और रॉबर्ट बेडे ने कहा कि ज्यादातर मामलों में ओलंपिक पैसा खपाने वाला माध्यम ही है। यह सिर्फ प्रतिष्ठा अर्जित करने के लिए होता है। यह बेहद खर्चीला होता है। ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी के अलेक्जेंडर बडजियर, बेंट और डेनियल लन का कहना है कि 1960 के बाद से हुए हर ओलंपिक की अनुमानित लागत 172 फीसद अधिक हो गई।

टोक्यो ओलंपिक के उद्धाटन समारोह में संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडेन ने इस दौरान अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। 2012 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी ने इस तरह के आयोजन में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। बता दें कि 2024 में ओलंपिक खेलों का आयोजन पेरिस में होगा। इतिहास में दूसरी बार टोक्यो ओलंपिक खेलों में आइओसी शरणार्थी ओलंपिक टीम हिस्सा ले रही है। 


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