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जापान ने उत्तर कोरिया को बताया गंभीर खतरा, चीन के बढ़ते सैन्य खर्च पर भी जाहिर की चिंता

जापान ने अपनी पहली वार्षिक रक्षा समीक्षा में कहा कि उत्तरी कोरिया अभी भी दुनिया के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।

By Arti YadavEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 09:43 AM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 11:16 AM (IST)
जापान ने उत्तर कोरिया को बताया गंभीर खतरा, चीन के बढ़ते सैन्य खर्च पर भी जाहिर की चिंता
जापान ने उत्तर कोरिया को बताया गंभीर खतरा, चीन के बढ़ते सैन्य खर्च पर भी जाहिर की चिंता

टोक्यो (एएफपी)। जापान ने आज अपनी पहली वार्षिक रक्षा समीक्षा में कहा कि उत्तर कोरिया अभी भी पूरी दुनिया के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। जापान के 2018 रक्षा श्वेत पत्र में कहा गया की चीन अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार कर रहा है, जो एक चिंता का विषय है।

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जापान की पिछले साल की रक्षा समीक्षा में उत्तर कोरिया के साथ तनाव का उल्लेख किया गया था। परमाणु और मिसाइल परीक्षणों के बीच और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्योंगयांग पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। लेकिन 12 जून को सिंगापुर में ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि उत्तर कोरिया अपनी हरकतों से बाज आएगा और परमाणु निरस्त्रीकरण करेगा।

टोक्यो ने अपनी रक्षा समीक्षा में कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों और मिसाइलों का खतरा अभी भी बना हुआ है। टोक्यो के अनुसार, प्योंगयांग जापान की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरें उत्पन्न कर रहा है और यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की शांति और सुरक्षा के खिलाफ है। जापान के रक्षा मंत्री इत्सूनोरी ओनोडेरा ने स्वीकार किया कि उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के पूर्व दुश्मनों के साथ वार्ता शुरू कर दी है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने जापान की सीमा के पास कई सौ मिसाइलों को तैनात किया है। इसके जवाब में, जापान अगले तीन दशकों में यूएस रडार सिस्टम स्थापित करने और संचालित करने पर 4.2 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च करने की योजना बना रहा है।

जापान के श्वेत पत्र में चीन के बढ़ते सैन्य खर्च और नौसेना की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं पर भी चिंता जाहिर की गई है। इसमें कहा गया है कि बीजिंग दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों के निर्माण और जापान के साथ विवाद में पूर्वी चीन सागर द्वीपों के आसपास नौसेना की गतिविधियों का विस्तार कर रहा है।


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