Move to Jagran APP

जापान में चला हिंदी का जादू: भारतीय भाषा को मिल रही लोकप्रियता, सीखना चाहते हैं वहां के छात्र

Hindi in Japan सिंगापुर के ग्लोबल स्कूल आफ फाउंडेशन के सह-संस्थापक अतुल तेमुरनिकर ने बताया कि टोक्यो में ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल (जीआइआइएस) के कैंपस में जापानी छात्रों में हिंदी और फ्रेंच बेहद पंसदीदा विदेशी भाषा हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 05:46 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 05:46 PM (IST)
जापान में चला हिंदी का जादू:  भारतीय भाषा को मिल रही लोकप्रियता,  सीखना चाहते हैं वहां के छात्र
जापानी छात्रों में हिंदी सबसे लोकप्रिय भाषा

सिंगापुर, प्रेट्र।  जापान में हिंदी भाषा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। खास तौर पर जापानी छात्रों के बीच विदेशी भाषा के तौर पर हिंदी और फ्रेंच सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। इन भाषाओं को सीखने वाले जापानी छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सिंगापुर के ग्लोबल स्कूल आफ फाउंडेशन के सह-संस्थापक अतुल तेमुरनिकर ने बताया कि टोक्यो में ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल (जीआइआइएस) के कैंपस में जापानी छात्रों में हिंदी और फ्रेंच बेहद पंसदीदा विदेशी भाषा हैं।

loksabha election banner

तेमुरनिकर के अनुसार, जापानी छात्र अपनी संस्कृति को संरक्षित रखते हुए एशियाई और पश्चिमी देशों की संस्कृतियों को भी जानना चाहते हैं। जीआइआइएस के 16 कैंपस में 15 हजार छात्र हिंदी भाषा सीख रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी जापान यात्रा के दौरान टोक्यो में एक जापानी छात्र को हिंदी बोलते देख चौंक गए थे। इससे साफ जाहिर होता है कि विदेश में हिंदी सीखने वालों की भरमार है।

हाल में ही जापान की राजधानी टोक्यो में क्वाड बैठक हु ई थी। इस बैठक से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टोक्यो में वर्तमान पीएम फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले जापान के तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की। पीएम मोदी की ये बैठकें योशीहिदे सुगा, शिंजो आबे और योशिरो मोरी के साथ हुई हैं। जापान के पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की मुलाकात उनकी सद्भावना और व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाती हैं।

जापान-भारत संघ की प्रमुख भूमिका

योशिरो मोरी जापान-भारत संघ (जेआईए) के वर्तमान अध्यक्ष हैं, जबकि शिंजो आबे शीघ्र ही इस भूमिका को संभालेंगे। 1903 में स्थापित जेआईए (JIA)जापान के सबसे पुराने मैत्री संघों में से एक है। प्रधान मंत्री मोदी ने राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भारत और जापान के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में मोरी के नेतृत्व में जेआईए द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की।

भारत और जापान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना अप्रैल 1952 में हुई थी। इस द्विपक्षीय संबंधों का यह 70वां साल है। भारत और जापान 21वीं सदी में वैश्विक साझीदारी की स्थापना करने के लिए आपसी समझ पहले ही दिखा चुके हैं। वह दौर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का था। इंडो-जापान ग्लोबल पार्टनरशिप इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी इस बात का संकेत था कि जापान भारत के साथ शेष दुनिया से भिन्न राय रखता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.