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चेरी ब्लॉसम में आरोपी नहीं हैं जापान के पूर्व PM, शिंजो आबे ने मांगी माफी

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने लोकप्रिय चेरी ब्लॉसम सीजन के दौरान अपने समर्थकों के लिए डिनर समारोह आयोजन में अपने कार्यकाल द्वारा अवैध भुगतान करने के आरोपों पर मांफी मांगी है। हालांकि अभियोजकों ने इस संबंध में उन्हें आरोपी नहीं बनाया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 12:32 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 12:32 PM (IST)
चेरी ब्लॉसम में आरोपी नहीं हैं जापान के पूर्व PM, शिंजो आबे ने मांगी माफी
चेरी ब्लॉसम में आरोपी नहीं है जापान के पूर्व PM, शिंजो आबे ने मांगी माफी

टोक्यो, रॉयटर्स। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने लोकप्रिय चेरी ब्लॉसम सीजन के दौरान अपने समर्थकों के लिए डिनर समारोह आयोजन में अपने कार्यकाल द्वारा अवैध भुगतान करने के आरोपों पर मांफी मांगी है। हालांकि अभियोजकों ने इस संबंध में  उन्हें आरोपी नहीं बनाया है। बताते चले कि आबे ने सितंबर महीने में अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकन उनके आलोचकों ने उनके पद छोड़ने पर उक्त आरोप बताए थे। आबे के बाद उनके उत्तराधिकारी योशिहिदे सुगा ने प्रधानमंत्री का पद संभालते ही वार्षिक चेरी ब्लॉसम पार्टी को रद कर दिया था, लेकिन उनकी सरकार कोरोना के चलते घिरी हुई है।

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बता दें कि यह कांड 2018 में तब सामने आया था, जब विपक्षी सांसदों ने आबे के मेहमानों से 5000 येन (48 डॉलर) का शुल्क वसूले जाने प्रश्न उठाया था। सांसदों ने आरोप लगाया था कि टोक्यो के पॉश होटलों के हिसाब से यह बेहद कम शुल्क था और खर्च में अंतर को आबे का कार्यालय वहन कर रहा था। आबे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पिछले महीने जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले तक अवैध भुगतानों की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। आगे उन्होंने कहा कि इन भुगतानों का हिसाब-किताब भी उनकी जानकारी में लाए बिना तैयार किया गया था। आगे उन्होंने कहा कि वह अपनी नैतिक जिम्मेदारी से वाकिफ हैं। मैं लोगों से माफी मांगता हूं।

उधर, तोक्यो जिला अधिकारी अभियोजकों कार्यालय ने आबे के खिलाफ आरोप दर्ज नहीं करने के निर्णय के पीछे साक्ष्यों की कमी का हवाला दिया था। वहीं आबे के लंबे समय तक सहयोगी रहे एक अधिकारी को औपचारिक तौर पर आरोपी बनाया गया है। इस अधिकारी पर आरोप है कि साल 2016 से 2019 में हुई सभी समारोहों के लिए भुगतान से जुड़ी जानकारी नहीं दी है। 


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