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अब जापान में भी होगा आयुर्वेद का प्रसार, भारत ने किया बड़ा समझौता

भारत की पारंपरिक चिकित्‍सा पद्धति आयुर्वेद और योग को बढ़ाने पर द्विपक्षीय साझेदारी जापान पर सहमति बनी है।अब भारत के आयुर्वेद की मांग जापान में भी बढ़ेगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 07:10 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 07:10 PM (IST)
अब जापान में भी होगा आयुर्वेद का प्रसार, भारत ने किया बड़ा समझौता
अब जापान में भी होगा आयुर्वेद का प्रसार, भारत ने किया बड़ा समझौता

टोक्‍यो, एजेंसी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के दो दिनी दौरे पर हैं। इस दौरान भारत और जापान ने एक दूसरे को सहयोग करने का वादा किया है। इसी कड़ी में भारत की पारंपरिक चिकित्‍सा पद्धति आयुर्वेद और योग को बढ़ाने पर द्विपक्षीय साझेदारी पर सहमति बनी है। बता दें कि भारत के योग शिक्षकों की विदेशों में काफी मांग है। अब भारत आयुर्वेद को लेकर विदेश में बाजार तलाश रहा है।

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आयुष मंत्रालय की ओर यह समझौते कानागवा प्रीफेक्चुरल सरकार के साथ साइन किया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और जापान के कैबिनेट कार्यालय की हेल्थकेयर नीति कार्यालय के बीच एक और पूरक समझौता साइन होगा। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन के तहत प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा, सक्रंमण वाली बीमारी, पोषण और बुजुर्गओं की रक्षा को बढ़ावा देना है। आयुर्वेद के क्षेत्र में यह जापान के साथ भारत का पहला समझौता है।

इसके अलावा कानागवा के गवर्नर ने मोदी के साथ एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की। उन्‍होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नई टेक्‍नोलॉजी पर भी विचार साझा किए। इस क्षेत्र में नित्‍य नए-नए आयाम सामने आ रहे हैं जिसको लेकर इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं बनी हुईं हैं। बता दें कि मोदी अपने दो दिवसीय जाना पर दौरे पर 13वीं भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शिरकत करने गए हैं।


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