रोबोट के मामले में पिछड़ गए हम, दक्षिण कोरिया शीर्ष पर; जानें किस स्थान पर भारत
दक्षिण कोरिया में प्रति दस हजार कर्मचारियों पर 631 रोबोट काम कर रहे हैं। यूरोप में प्रति दस हजार पर 99 रोबोट का आंकड़ा है। भारत सूची में 15वें पायदान पर है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। तकनीक और अनुसंधान क्षेत्र में लगातार बढ़ोत्तरी होने से दुनियाभर के दफ्तरों में रोबोट की संख्या भी बढ़ रही है। 2015 में प्रति दस हजार कर्मचारियों पर काम कर रहे औद्योगिक रोबोट का वैश्विक औसत 66 था। 2016 में ये आंकड़ा बढ़कर 74 हो गया। हाल ही में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स द्वारा विभिन्न देशों में रोबोट के इस्तेमाल को लेकर सूची जारी की है। इस सूची में दक्षिण कोरिया शीर्ष पर है। यहां प्रति दस हजार कर्मचारियों पर 631 रोबोट काम कर रहे हैं। यूरोप में प्रति दस हजार पर 99 रोबोट का आंकड़ा है। भारत सूची में 15वें पायदान पर है जहां दस हजार कर्मियों पर तीन रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अनोखे रोबोट
जापान में सालाना पांच दिवसीय वर्ल्ड रोबोटिक समिट आयोजित किया जाता है जहां दुनियाभर में तैयार किए गए आधुनिक तकनीक वाले अनोखे रोबोट पेश किए जाते हैं।
रोजगार में बढ़ेगा दखल
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की फ्यूचर ऑफ जॉब्स नामक रिपोर्ट के मुताबिक अगले पांच सालों में 800 से ज्यादा सेक्टर में नौकरियां इंसानों के हाथ से फिसलेंगी। विश्व में 50 लाख से ज्यादा रोजगार रोबोट के हाथ में पहुंचेंगे। उत्पाद से लेकर ऑफिस के काम तक रोबोट निपटाते नजर आएंगे।
WEF की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट कॉलर कैटेगरी में आने वाली नौकरियों को ज्यादा खतरा है। अगले पांच साल यानी वर्ष 2025 तक रोबोट व ऑटोमेशन मशीनों के चलते नौकरियां काफी कम होने की संभावना है। इनमें डाटा एंट्री क्लर्क, अकाउंटिंग, बुककीपिंग व पे रोल क्लर्क, फैक्ट्री मजदूर, कस्टमर केयर सेक्टर, बिजनेस सर्विस व एडमिनिस्ट्रेशन मैनेजर, अकाउंटेंट, जनरल ऑपरेशन मैनेजर, स्टॉक कीपिंग क्लर्क, डाक सेवा क्लर्क, वित्तीय समीक्षक, कैशियर व टिकट क्लर्क, मैकेनिक, टेलीमार्केटिंग, बिजली व टेलीकॉम रिपेयर सेवा, बैंक क्लर्क, कार, वैन और मोटरसाइकिल चालक, एजेंट व ब्रोकर, घर-घर सामान बेचने का काम, वकील, बीमा क्लर्क और वेंडर सर्विस शामिल हैं।
नीति आयोग की मानें तो आने वाले समय में नौकिरयों का स्वरूप बदल जाएगा और इसका पूरा श्रेय कंप्यूटर और रोबोट को जाएगा। लोगों के लिए नए रोजगार की विकल्प बनाए जाएंगे। इसमें कंप्यूटर और रोबोट की मदद ली जाएगी।
अब वो दिन दूर नहीं, जब काम करने के मामले में रोबोट इंसान से आगे निकल जाएंगे। यह दावा विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के एक अध्ययन में किया गया है। इसमें बताया गया है कि वर्तमान में मौजूद कार्य का 52 फीसद हिस्सा वर्ष 2025 तक रोबोट द्वारा संभाल लिया जाएगा।
यह आंकड़ा वर्तमान में रोबोट द्वारा किए जा रहे कार्य से लगभग दोगुना है। डब्ल्यूईएफ का अनुमान है कि इंसानों के लिए नई भूमिकाओं में इजाफा देखने को मिल रहा है। इस बड़े बदलाव के दौरान मशीनों और कंप्यूटर प्रोग्रामों की गति के साथ तालमेल बैठाने के लिए इंसानों को अपने कौशल में इजाफा भी करना पड़ेगा।
स्विस संगठन के एक बयान के मुताबिक, वर्तमान में मशीनें 29 फीसद काम संभाल रही हैं। 2025 तक यह आंकड़ा कुल कार्य का आधे से अधिक हो जाएगा। यानी दुनिया में जितना काम होगा उसका आधे से ज्यादा मशीनें संभाल रही होंगी।
अध्ययन में बताया गया है कि जिस तेजी से मशीनों, एल्गोरिद्म और कंप्यूटर प्रोसेसर्स में बदलाव आ रहा है, उसके चलते 2022 तक इंसान सिर्फ 58 फीसद काम संभालेंगे, जबकि शेष 42 फीसद काम मशीनों से होगा। वहीं, 2025 तक 52 फीसद काम मशीनों से किया जाएगा। जेनेवा के निकट स्थित डब्ल्यूईएफ को अमीरों, नेताओं और कारोबारियों की वार्षिक सभा के लिए जाना जाता है, जिसका आयोजन स्विट्जरलैंड के दावोस में होता है।