G20 Summit: किन बिंदुओं पर काम करेगा भारत, शेरपा सुरेश प्रभु ने दी पूरी जानकारी
G20 Summit भारत के शेरपा सुरेश प्रभु ने कहा कि 2022 में भारत इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है।
ओसाका,एजेंसी। जापान के ओसाका में 14 वें G-20 Summit का शनिवार को दूसरा और अंतिम दिन है। इस सम्मेलन में लगातार छठी बार हिस्सा लेने पहुंते पीएम मोदी ने पूरे दमखम के साथ आतंकवाद का मुद्दा उठाया है। इस शिखर सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु भारत के 'शेरपा' है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि साउदी अरब और इटली के बाद 2022 में भारत G-20 Summit की मेजबानी करेगा। प्रभु ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत इस पर जोर देता है कि भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है। जी-20 देशों को भी इसके लिए आगे आना चाहिए।
प्रभु ने कहा कि जी-20 सम्मेलन को भारत कई दृष्टिकोण से देखता है। जी-20 इस सम्मेलन की शुरुआत इस मकसद के साथ की गई थी कि सभी ग्लोबल आर्थव्यवस्था का ठीक से ख्याल रखा जा सकें। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले सभी देश ग्लोबल अर्थव्स्था काल 85 प्रतिशत हिस्सा रखते है। भारत भी इसका समर्थन करता है कि ग्लोबल अर्थव्यवस्था का ठीक से सुचारू रहे। भारत के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद ही महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। भारत विश्वास रखता है कि क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। The society 5.0 जो जापान का विजन हैप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आखिर हम किस तरह से डिजिटल इकॉनमी पर काम कर सकते हैं। हम यह मानते हैं कि प्रौद्योगिकी का जलसेक (Infusion of technology) इससे आर्थिक अवसर पैदा होंगे जो कि डिजिटल डिवाइड को खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि इस वजह से क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर सबसे जरूरी है।
महिला सशक्तिकरण पर STEM के जरिए काम करेगा भारत
शिखर सम्मेलन में महिला सशक्तिकरण का मुद्दा भी उठाया गया है जिस पर STEM (Science, technology, engineering and mathematics) के जरिए शिक्षा दी जाएगी। हमने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है और इस दिशा में हम काम करेंगे।
टूरिज्म और कृषि पर भी काम करेगा भारत
टूरिज्म और कृषि हमेशा ही महत्वपूर्ण मुद्दे रहे हैं इसपर हमने काफी लंबा विचार विमर्श किया है। साथ ही हम इसपर काम करने के लिए तैयार हो गए है।
प्रभु ने कहा कि इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि एक स्थायी दुनिया बेहद जरूरी है। पिछले 30 सालों में दुनिया में तेजी के साथ बढ़ी है और 2008 के बाद से यह लगातार बढ़ रही है। इसलिए इसे अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस वजह से आर्थिक रूप से कंमजोर देश और आर्थिक रूप से सक्ष्म देशों को बीच अंतर बढ़ रहा है। साथ ही अमीर देशों में अमीर और गरीब के बीच अंतर बढ़ रहा है। इसे कम करने के लिए बस एक ही रास्ता है समांवेशी विकास
ग्लोबल हेल्थ और वैश्विक पर्यावरण चुनौतियां
भारत ने स्वास्थ्य मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जी 20 को इस पर ध्यान देना चाहिए। भारत ने कहा कि स्वास्थ्य को लेकर भई चर्चा की जानी चाहिए। साथ ही वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियां के बारे में भी बातचीत की गई है। उन्होंने कहा कि भारत ने साफ तौर पर कहा कि एक अच्छे वातावरण के लिए जरुरी है समुंद्रों की देखरेख करना। क्लाइमेट चेंज मुद्दा भी भारत ने रखा है। इसपर एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है जिसपर कुछ देशों ने आपत्ति जताई लेकिन अधिकतर लोग इसपर राजी हो गए हैं। एनर्जी स्टोरेज भी इस चर्चा का अहम मुद्दा रहा।
आप्रवासियों के मुद्दे पर भी चर्चा
प्रभु ने बताया कि भारत ने आप्रवासियों के मुद्दों को भी चर्चा का अहम हिस्सा बनाया। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे जी-20 को डील करना है और जी-20 इससे निपटने के लिए तैयार हो गया है।
प्रभु ने कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन के बाद जी-20 ने कहा कि भारत ने सारे विचार विमर्श के दौरान सक्रिय और सकारात्मक भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए वैश्विक चिंताओ को उठाया। पीएम ने सबका साथ सबका विकास का नारा देते हुए कहा कि इस दिशा में काम किया जाएगा जिससे सबको लाभ हो।