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अच्छा श्रोता बनकर ही रोबोट बन पाएगा अच्छा वक्ता

वैज्ञानिकों ने मनुष्य के समान दिखने वाले रोबोट को अपग्रेड करके उसे हूबहू लोगों की तरह बात करने लायक बनाने में सफलता हासिल की है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 10:55 AM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 10:55 AM (IST)
अच्छा श्रोता बनकर ही रोबोट बन पाएगा अच्छा वक्ता
अच्छा श्रोता बनकर ही रोबोट बन पाएगा अच्छा वक्ता

टोक्यो [प्रेट्र]। वैज्ञानिकों ने मनुष्य के समान दिखने वाले रोबोट को अपग्रेड करके उसे हूबहू लोगों की तरह बात करने लायक बनाने में सफलता हासिल की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा उन्होंने रोबोट की सुनने की क्षमता बढ़ाकर किया है। जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी के हिरोशी इशिग्युरो द्वारा बनाने गए रोबोट एंड्राइड इरिका को विशेषकर लोगों की तरह बात करने और हाव-भाव दर्शाने के लिए बनाया गया है।

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जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के तत्सुया कवाहरा का कहना है कि जब भी कभी हम आपस में बात करते हैं तो इसमें कभी सूचना का आगे-पीछे जाने का क्रम नहीं होता है। सुनना भी एक सक्रिय प्रक्रिया है। सुनने के साथ ही कभी-कभी हम बातचीत का क्रम जारी रखने के लिए हमम, हुह जैसी प्रतिक्रिया देते हैं। इसे बैकचैनलिंग के नाम से जाता है। हमने इरिका में यही प्रक्रिया लागू की है।

टीम अटेंटिव लिसनिंग को भी विकसित करने का प्रयास कर रही है जिसमें कोई श्रोता बात करते समय वक्ता के ही शब्दों को दोहराता हुआ उत्तर देने का प्रयास करता है। दूरी वाले सेंसर, चेहरे की पहचान करने वाले कैमरा और माइक्रोफोन के जरिए टीम ऐसा डाटा इकट्ठा कर रही है जिससे रोबोट और मनुष्य के बीच धारा प्रवाह बातचीत संभव हो सके।

कवाहरा का कहना है कि बैकचैनलिंग का अध्ययन करने के दौरान उन्होंने तीन गुणों के बारे में जाना है। इस प्रकार पांच मिनट की बातचीत में पाया कि इरिका ने मनुष्य के साथ बेहतर बातचीत का प्रदर्शन किया।  


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