जापानी जल क्षेत्र में चीन ने फिर किया घुसपैठ का प्रयास, अमेरिका की मौजूदगी के कारण दोनों देशों में बढ़ा तनाव
जापानी सेना ने चीन की इस बेजा हरकत पर कड़ी चेतावनी दी है। अमेरिका ने भी चीन के इन प्रयासों की निंदा की है। एनएचके वर्ल्ड के अनुसार इस साल चीनी सेना 18 बार जापानी जलक्षेत्र में घुसपैठ का प्रयास कर चुकी है।
टोक्यो, एएनआइ। चीनी पोत ने जापानी जलक्षेत्र में फिर घुसपैठ करने का प्रयास किया है। जापानी तटरक्षकों ने आरोप लगाया है कि ड्रैगन पूर्वी चीन सागर के सेनकाकू में घुसने का बार-बार प्रयास कर रहा है। जापानी सेना ने चीन की इस बेजा हरकत पर कड़ी चेतावनी दी है। अमेरिका ने भी चीन के इन प्रयासों की निंदा की है।
एनएचके वर्ल्ड के अनुसार, इस साल चीनी सेना 18 बार जापानी जलक्षेत्र में घुसपैठ का प्रयास कर चुकी है। बीजिंग ने दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में पिछले कुछ महीनों में अपनी सैन्य गतिविधियों को तेजी से बढ़ाया है। इस क्षेत्र में अमेरिका की मौजूदगी के कारण दोनों देशों में तनाव बढ़ा है। अमेरिका ने घुसपैठ की इन कोशिशों की निंदा की है। चीनी घुसपैठ को देखते हुए अमेरिका ने भी अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है।
जापान और अमेरिका के बीच है रक्षा संधि
चीन अपने सीमा विवाद को ऐसे समय हवा दे रहा है जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के खिलाफ महाजंग लड़ रही है। यह चीन की किसी सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। चीन ने जापान के इस द्वीप पर हलचल उत्पन्न करके न केवल जापान को उकासाया है, बल्कि उसने एक तरह से अमेरिका को भी आमंत्रित किया है। दरअसल, जापान और अमेरिका के बीच एक रक्षा संधि है। इस संधि के तहत यदि जापान पर कोई विदेशी शक्ति हमला करती है, तो वाशिंगटन टोक्यो की रक्षा करेगा। इस संधि के तहत अमेरिका, जापान की रक्षा के लिए बाध्य है। यदि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता है और सैन्य टकराव की नौबत उत्पन्न होती है तो जाहिर है कि अमेरिका को आगे आना होगा। ऐसा नहीं कि चीन इस संधि से वाकिफ नहीं है। उसने जानबूझ कर नए सीरे से इस द्वीप पर विवाद उत्पन्न करके अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका को ललकारा है ।