बाइडन का म्यांमार की सैन्य सरकार पर प्रतिबंधों का एलान, आगे और भी कड़ा होगा रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने म्यांमार पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है। 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद बाइडन ने म्यांमार की सैन्य सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए ये फैसला लिया है। साथ ही उन्होंने पूरी दुनिया से दबाव बनाने की भी अपील की है।
वाशिंगटन (रॉयटर्स)। म्यांमार में तख्तापलट के बाद अमेरिका ने वहां की सैन्य सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए नए प्रतिबंध लगाने का एलान किया है। इसको लेकर राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर पर साइन कर इसको अपनी अंतिम मंजूरी भी दे दी है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका म्यांमार के सैन्य शासक पर प्रतिबंध लगा रहा है। इसमें उनके और उनके परिवार के किसी भी सदस्य के अमेरिका से किसी भी तरह के व्यापार पर प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि, न तो बाइडन और न ही ट्रेजरी डिपार्टमेंट की तरफ से इस बात को बताया गया कि इन प्रतिबंधों से कौन और कैसे प्रभावित होगा।
अपने फैसले में बाइडन ने म्यांमार को होने वाले निर्यात पर नियंत्रण लगाने के अलावा म्यांमार को मिलने वाले 1 बिलियन डॉलर की राशि को भी रोकने की बात कही है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि नए प्रतिबंध जल्द ही सभी के सामने होंगे। इन प्रततिबंधों को लगाते समय बाइडन ने कहा कि अभी ये शुरुआती प्रतिबंध हैं बाद में एक्सपोर्ट पर भी नियंत्रण लगा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि म्यांमार सरकार को मिलने वाली मदद को रोक दिया गया है। हालांकि उन्हें मिलने वाले स्वास्थ्य सेवाओं में मदद को बंद नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि 1 फरवरी को म्यांमार की सेना, जिसको आधिकारिक तौर पर तातमदेव कहा जाता है, के प्रमुख कमांडर इन चीफ ऑफ डिफेंस सर्विस मिंग ऑन्ग ह्लेनिंग ने वहां की आन्ग सान्ग सू की कि सरकार का तख्तापलट कर अपने हाथों में सत्ता ले ली थी। इसके तुरंत बाद उन्होंने देश में आपातकाल की घोषणा करते हुए आन्ग सान्ग सू की समेत उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया था। पूरे देश में सू की कि पार्टी के ऑफिसों को बंद कर दिया गया और नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। सैन्य सरकार ने दूसरे ही दिन देश में दोबारा चुनाव कराने का एलान किया और ऑन्ग सान्ग सू की सरकार पर आरोप लगाया कि नवंबर 2020 में हुए चुनाव में उन्होंने जमकर धांधली की थी। तख्तापलट के तीसरे दिन तातमदेव प्रमुख ने नए स्टेट काउंसिल का गठन कर आधिकारिक तौर पर सरकार पर अपना नियंतत्रण कर लिया था।
म्यांमार के तख्तापलट की कार्रवाई का व्यापकतौर पर विरोध हो रहा है। लोग सड़कों पर उतरकर देश की लोकतांत्रिक सरकार को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सेना ने देश के कई हिस्सों में इंटरनेट समेत सोशल मीडिया पर रोक लगा दी है। विरोध प्रदर्शन करने वालों को पकड़कर जेल में डाला जा रहा है। बाइडन ने साफ कर दिया है कि म्यांमार में यदि हालात जल्द ही नहीं सुधरे तो वो अन्य देशों के साथ मिलकर और कड़े फैसले ले सकते हैं। साथ ही उन्होंने अन्य देशों से म्यांमार की सैन्य सरकार पर दबाव बनाने की भी अपील की है। आपको बता दें कि ह्लेनिंग समेत दूसरे सैन्य सरकार के अधिकारियों पर पहले से ही अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। साथ ही ह्लेनिंग को ट्विटर और फेसबुक ने प्रतिबिंधित किया हुआ है।