Move to Jagran APP

नागासाकी पर परमाणु बम गिरने की 75वीं बरसी, हथियारों को प्रतिबंधित करने की अपील

अमेरिका द्वारा नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम की 75वीं बरसी मनाई गई। इस दौरान मौजूद मेयर और हमले में जीवित बचे हुए लोगों ने जहां मारे गए लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 03:52 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 03:52 PM (IST)
नागासाकी पर परमाणु बम गिरने की 75वीं बरसी, हथियारों को प्रतिबंधित करने की अपील
नागासाकी पर परमाणु बम गिरने की 75वीं बरसी, हथियारों को प्रतिबंधित करने की अपील

टोक्यो, एपी। रविवार को अमेरिका द्वारा नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम की 75वीं बरसी मनाई गई। इस दौरान मौजूद मेयर और हमले में जीवित बचे हुए लोगों ने जहां मारे गए लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा वहीं विश्व समुदाय से नाभिकीय हथियारों को प्रतिबंधित करने की अपील की। बता दें कि 75 वर्ष पहले नौ अगस्त 1945 को सुबह 11 बजकर दो मिनट पर अमेरिका के बी-29 बमवर्षक ने इस शहर पर परमाणु बम गिराया था।

loksabha election banner

बम में भरा था प्लूटोनियम 

साढ़े चार टन वजनी इस बम में प्लूटोनियम भरा था और इसका कोड नेम 'फैट मैन' था। इस हमले में 70 हजार लोग मारे गए थे। नागासाकी पर किए गए हमले से तीन दिन पहले अमेरिका ने हिरोशिमा पर विश्व का पहला परमाणु हमला किया था। नागासाकी पर किए गए परमाणु हमले के छह दिन बाद यानी कि 15 अगस्त को जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया और द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया।

सीमित संख्या में ही मौजूद थे लोग 

कोरोना महामारी को देखते हुए नागासाकी पीस पार्क में आयोजित कार्यक्रम में सीमित संख्या में ही लोग मौजूद थे। इस दौरान मेयर तोमिहिसा ताउ ने एक शांति घोषणापत्र पढ़ा, जिसमें उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि हाल के वर्षो में परमाणु हथियारों से संपन्न देश निशस्त्रीकरण के प्रयासों से पीछे हट गए हैं। मेयर ने कहा कि परमाणु संपन्न देश ना केवल परमाणु हथियारों को अपग्रेड कर रहे हैं बल्कि उन्हें आसानी से इस्तेमाल के लायक भी बना रहे हैं।

मेयर ने रूस और अमेरिका के बीच इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्स ट्रीटी के खत्म होने से बढ़ने वाले जोखिम का भी उल्लेख किया। इस दौरान उन्होंने जापान की सरकार और सांसदों से परमाणु हथियार निषेध संधि 2017 पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर करने का भी आग्रह किया। उधर, कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री एबी शिंजो ने परमाणु अप्रसार संधि की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ना तो इसमें परमाणु संपन्न देश शामिल हैं और ना ही इसे गैर परमाणु संपन्न देशों का समर्थन हासिल है, इसलिए इस संधि पर हस्ताक्षर करने से कुछ खास हासिल नहीं होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.