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बाली में ज्‍वालामुखी विस्‍फोट: 450 उड़ानें रद, हजारों पर्यटक फंसे

बाली में ज्‍वालामुखी विस्‍फोट के कारण अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया जिसके कारण यहां हजारों पर्यटकों फंस गए हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 29 Jun 2018 10:19 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 11:11 AM (IST)
बाली में ज्‍वालामुखी विस्‍फोट: 450 उड़ानें रद, हजारों पर्यटक फंसे
बाली में ज्‍वालामुखी विस्‍फोट: 450 उड़ानें रद, हजारों पर्यटक फंसे

जकार्ता (एजेंसी)। इंडोनेशिया में माउंट आगुंग ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ है। इसकी वजह से निकले धुएं के कारण रिसॉर्ट द्वीप बाली स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को बंद कर दिया गया। यहां हजारों पर्यटक फंसे हैं। ज्‍वालामुखी फटने के कारण यहां धुएं का गुबार हजारों मीटर की ऊंचाई तक आसमान में फैला है।

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इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर हेल्‍प डेस्‍क नंबर- +62-8113867270 जारी किया है। साथ ही दो दिन के लिए बाली एयरपोर्ट के बंद होने की सूचना दी है।

आज सुबह गुराह राय एयरपोर्ट के बंद होने के साथ ही यहां आने-जाने वाले 450 उड़ानों को रद कर दिया गया। गुरुवार शाम को माउंड आगुंग के ज्‍वालामुखी में विस्‍फोट के साथ आसमान में 2,000 मीटर तक धुआं छा गया। इससे पहले यहां हुए ज्वालामुखी विस्फोट से अतीत में धरती की जलवायु पर गंभीर असर डाला है। ज्‍वालामुखी फटने की वजह से 23,000 फीट ऊंचाई तक राख फैल गई। इन हालातों में पायलट को मुश्‍किल का सामना करना पड़ा, यह देखते हुए शुक्रवार सुबह एयरपोर्ट बंद करा दिया गया। विमानों के लिए यह राख खतरनाक हो सकती है क्‍योंकि यह इनके इंजन में प्रवेश कर सकता है।

अधिकारियों के अनुसार, बाली का यह इंटरनेशनल गेटवे और दो डोमेस्‍टिक एयरपोर्ट को कम से कम शुक्रवार शाम तक बंद ही रखा जाएगा। बाली के गर्वनर की ओर से शांति बनाए रखने की अपील की गयी है। उन्‍होंने कहा है,’हम अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं कि सभी पर्यटक अपनी ट्रिप को जारी रख सकें।‘ बाली का पर्यटक स्‍थल कुटा से यह ज्‍वालामुखी 75 किलोमीटर दूर है।

आगुंग में विस्‍फोट पिछले साल भी हुआ था। इसका सबसे बड़ा विस्‍फोट 1963 में हुआ था जिसके कारण 1,600 लोग मारे गए थे। इनमें से ज्यादातर की मौत विस्फोट से पैदा हुई पाइरोक्लास्टिक प्रवाह के कारणों से जुड़ी है। विस्फोट से पैदा हुई पाइरोक्लास्टिक प्रवाह राख, मलबों और गर्म गैस की तेजी से मूव करने वाली दीवार की तरह है, जो पहाड़ से इतर प्रवाहित होती है।

इंडोनेशिया दुनिया का सबसे अधिक सक्रिय ज्‍वालामुखी वाला क्षेत्र है और यह पैसिफिक ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्‍थित है जहां टेक्‍टोनिक प्‍लेट आपस में टकराते हैं। इस टकराव के कारण ज्‍वालामुखी विस्‍फोट और भूकंप जैसी गतिविधियां होती रहती हैं।


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