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इंडोनेशिया में हैवानियत की सभी हदें पार, प्रिंसिपल ने 13 छात्राओं से पांच साल तक किया दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

इंडोनेशियाई कोर्ट ने मंगलवार को नाबालिग छात्राओं के साथ दुष्कर्म के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बताया जा रहा है कि दोषी एक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल का प्रिंसिपल है। जिसने करीब पांच वर्षों तक 13 नाबालिग छात्राओं के साथ दुष्कर्म किया।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 15 Feb 2022 05:21 PM (IST)Updated: Tue, 15 Feb 2022 05:21 PM (IST)
इंडोनेशिया में हैवानियत की सभी हदें पार, प्रिंसिपल ने 13 छात्राओं से पांच साल तक किया दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
स्कूल के प्रिंसिपल ने 13 छात्राओं से पांच साल तक किया दुष्कर्म (फाइल फोटो, जागरण.काम)

बांडुंग, एपी: इंडोनेशियाई कोर्ट ने मंगलवार को नाबालिग छात्राओं के साथ दुष्कर्म के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बताया जा रहा है कि दोषी एक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल का प्रिंसिपल है। जिसने करीब पांच वर्षों तक 13 नाबालिग छात्राओं के साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान कुछ छात्राओं के गर्भवती होने की बात भी सामने आई है।

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पश्चिम जावा के बांडुंग शहर में स्थित छात्राओं के स्कूल प्रिंसिपल हेरी विरावन ने अपना अपराध स्वीकार किया है। साथ ही उसने पीड़ित छात्राओं और उनके परिजनों से माफी भी मांगी है। दोषी पर 11 से 14 साल के बीच की 13 छात्राओं से दुष्कर्म का आरोप था। उसने 2016 से 2021 के बीच इन वारदातों को अंजाम दिया, इस दुष्कर्म से पीड़ित छात्राओं ने करीब नौ बच्चों को जन्म दिया। दुष्कर्म के मामले सामने आने के बाद इलाके के आम लोगों के बीच खासा रोष देखा गया था।

मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक, कई पीड़ितों ने मामले की रिपोर्ट करने से इनकार कर दिया। क्योंकि वो एक बार फिर से उस खौफनाक अनुभव को लेकर बात नहीं करना चाहते थे। वेस्ट जावा पुलिस ने पिछले साल मई में एक पीड़िता के अभिवावकों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद मामले की जांच शुरू की थी। उसी दौरान दोषी स्कूल प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया। पीड़ित छात्रा ने छुट्टियों के दौरान घर आने पर पूरे मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी थी।

बांडुंग जिला न्यायालय में तीन जजों की पीठ ने स्कूल के प्रिंसिपल विरावन को बाल संरक्षण कानून और आपराधिक संहिता के उल्लंघन का दोषी ठहराया। साथ ही उन्होंने महिला सशक्तिकरण और बाल संरक्षण मंत्रालय से पीड़ित छात्राओं को संयुक्त तौर पर 33.1 करोड़ रुपये (23,200 डालर) देने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि दुष्कर्म के कारण जन्मे बच्चों को बाल और महिला सुरक्षा एजेंसी को सौंप दिया जाए। जब पीड़ित छात्राएं अपने बच्चों की देखभाल के लिए मानसिक रूप से तैयार होंगी और परिस्थिति अनुकूल होगी तो उन्हें बच्चे वापस दे दिए जाएंगे।


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