...तो बदल जाएगी इंडोनेशिया की राजधानी, राष्ट्रपति ने की पेशकश
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले संसद को संबोधित कर रहे विदोदो ने इंडोनेशिया के अधिकार क्षेत्र में आने वाले बोर्नियो के कालिमैनटन क्षेत्र में नई राजधानी बनाने की बात की।
जकार्ता, रायटर । दुनिया के सबसे बड़े द्वीपीय देश इंडोनेशिया की राजधानी जल्द बदल सकती है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने शुक्रवार को देश की राजधानी जकार्ता से हटाकर बोर्नियो द्वीप पर बनाने का प्रस्ताव दिया। इस द्वीप पर इंडोनेशिया और ब्रुनेई दोनों की साझेदारी है।
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले संसद को संबोधित कर रहे विदोदो ने इंडोनेशिया के अधिकार क्षेत्र में आने वाले बोर्नियो के कालिमैनटन क्षेत्र में नई राजधानी बनाने की बात की। गत अप्रैल में हुए चुनाव में जीत हासिल कर दूसरी बार सत्ता में आए विदोदो अपने नए कार्यकाल की शपथ अक्टूबर में लेंगे। उन्होंने कहा, 'राजधानी केवल किसी देश की पहचान का प्रतीक नहीं है। यह उस देश की प्रगति को भी दर्शाती है।'
क्यों बदलनी है राजधानी
17 हजार द्वीपों वाले इस देश की वर्तमान राजधानी जकार्ता समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण दुनिया के सबसे तेजी से डूबते इलाकों में से है। इसी के चलते सरकार किसी सुरक्षित इलाके को देश की राजधानी बनाने पर विचार कर रही है। जावा द्वीप पर स्थित इस शहर की आबादी करीब एक करोड़ है। यह दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले शहरों में है।
क्या है कालिमैनटन की खासियत
यह क्षेत्र अपने जंगलों और कोयले की खदानों के लिए मशहूर है। बोर्नियो की आबादी करीब 1.6 करोड़ है। इस क्षेत्र में लंगूरों की बहुतायत है।
खर्चीला होगा यह कदम
सरकार 2024 तक नई राजधानी बनाने की योजना पर अमल करना चाहती है। इस दौरान वहां नए सरकारी कार्यालय और करीब 15 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट में करीब 33 अरब डॉलर (करीब 2310 करोड़ रुपये) का खर्च आ सकता है।
एशिया के कई देश बदल चुके हैं राजधानी
इंडोनेशिया से पहले एशिया के कई देश अपनी राजधानी बदल चुके हैं। 2005 में म्यांमार की राजधानी यंगून की जगह नेपीता कर दी गई थी। बीती सदी के अंतिम दशक में मलेशिया के नेता महातिर मुहम्मद ने राजधानी कुआलालंपुर से 33 किलोमीटर दूर स्थित पुत्रजया को देश की प्रशासनिक राजधानी बनाया था।