इंडोनेशिया के पापुआ में गहराया स्वास्थ्य संकट, भेजी गई सेना
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वो अब भी मौतों की संख्या का अनुमान लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एक स्थानीय समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, कम से कम 61 शिशुओं की मृत्यु हो गई है।
जकार्ता, रायटर। इंडोनेशिया में पापुआ के पूर्वी प्रांत गहरे स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है। सरकार ने पापुआ के इस दूरदराज के हिस्से में खाद्य और वैक्सीन को ले जाने के लिए सैन्य परामर्शदाताओं और हेल्थ वर्कर्स की टीम को तैनात किया है।
पापुआ के इस दूरदराज के हिस्से कुपोषण और खसरा जैसे रोगों से कम से कम 61 नवजात शिक्षु मर गए हैं। ये जानकर हैरानी होती है कि संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध होने के बावजूद पापुआ, इंडोनेशिया के सबसे गरीब प्रांतों में से एक है। लेकिन 2014 में सत्ता में आने पर राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस प्रांत में विकास की गति को बढ़ाने का वादा किया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रिमोट असमत रिजेन्सी की स्थिति असाधारण घटना है। साथ ही बयान में कहा गया कि वहां 39 स्वास्थ्य श्रमिकों को भेजा गया है। इंडोनेशियाई सेना ने मेडिकल उपकरण, वैक्सीन और तत्काल भोजन के 11,100 पैकेटों के अलावा पैरामेडिक्स सहित 53 कर्मचारी भेजे हैं। स्वास्थ्य मंत्री नीला मोलोक ने कहा, 'हम स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि बीमारियों का संबंध पोषण से जुड़ा है। यदि आप कुपोषित हैं, तो कई बीमारियों की गिरफ्त में आप बहुत जल्द आ जाते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि वो अब भी मौतों की संख्या का अनुमान लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एक स्थानीय समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, कम से कम 61 शिशुओं की मृत्यु हो गई है। इस मुस्लिम बहुसंख्यक देश में मुख्य रूप से ईसाई अल्पसंख्यक हैं जो पपुन्स की उपेक्षा करने के लिए जकार्ता में सरकार की आलोचना करते हैं। वे कहते हैं कि सरकार का ज्यादा ध्यान जावा के घनी-आबादी वाले द्वीप पर केंद्रित रहता है।
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