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भूकंप और सुनामी के बाद इंडोनेशिया में महामारी का खतरा

आपदा के कारण पालू शहर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। पेटोबो और बालरोआ क्षेत्र में भी लोगों के शव मलबे में दबे हुए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 07:33 PM (IST)Updated: Sat, 06 Oct 2018 08:28 PM (IST)
भूकंप और सुनामी के बाद इंडोनेशिया में महामारी का खतरा
भूकंप और सुनामी के बाद इंडोनेशिया में महामारी का खतरा

पालू, एएफपी।  इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में भूकंप और सुनामी के बाद महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। आपदा के कारण ढही इमारतों और घरों के मलबे में दबे शव धीरे-धीरे सड़ने लगे हैं। इसी को देखते हुए बचावकर्ताओं ने महामारी फैलने के खतरे की चेतावनी दी है।

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कीचड़ और मलबे में दबे ज्यादातर शव क्षत-विक्षत हैं। उनसे संक्रमण का खतरा हो सकता है। शवों को बाहर निकाल रहे राहत कर्मियों को बीमारियों से बचाने के लिए टीका भी लगाया गया है। इसके बावजूद उन्हें अत्यधिक सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।

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28 सितंबर को आए 7.5 तीव्रता के भूकंप और फिर सुनामी के कारण मरने वालों लोगों की संख्या 1,649 पर पहुंच गई है। दो हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। 70 हजार लोगों के विस्थापित होने का भी अनुमान है।

आपदा के कारण पालू शहर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। पेटोबो और बालरोआ क्षेत्र में भी लोगों के शव मलबे में दबे हुए हैं। फ्रांस के बचाव कर्मियों की टीम भी शवों को निकालने में जुटी है। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सभी पीडि़तों की खोज करने का निर्देश दिया है। शवों की खोज में पांच महीने तक का समय लग सकता है।

दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं अस्पताल

अस्पताल भी जगह और दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। बिजली और संचार व्यवस्था भी पूरी तरह दुरस्त नहीं हो पाई है। आपदा प्रभावित लोगों के पास अब भी पीने का साफ पानी नहीं पहुंच पा रहा है। बता दें कि इंडोनेशिया भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील देशों में है।

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25 देशों और चार संस्थानों ने की मदद की पेशकश

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार आपदा के कारण तबाह हो चुके देश में दो लाख लोगों को मदद की जरूरत है। उन तक मदद पहुंचाने के लिए यूएन 5.05 करोड़ डॉलर की मदद जुटा रहा है। 25 देशों और चार विदेशी संस्थाओं ने भी मदद की पेशकश की है।

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