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'जंग का युग नहीं', पुतिन को दी गई प्रधानमंत्री मोदी की सलाह को G20 communique में मिली जगह

दिसंबर में भारत G-20 की अध्यक्षता का जिम्मा ले रहा है यह ऐसा समय है जब विश्व जियो पॉलिटिकल तनावों आर्थिक मंदी और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों और महामारी से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे समय विश्व G-20 के तरफ आशा की नज़र से देख रहा है।

By AgencyEdited By: Monika MinalPublished: Wed, 16 Nov 2022 12:43 PM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2022 02:57 PM (IST)
'जंग का युग नहीं',  पुतिन को दी गई प्रधानमंत्री मोदी की सलाह को G20 communique में मिली जगह
'जंग का युग नहीं', पुतिन को दी गई प्रधानमंत्री मोदी की सलाह को G20 communique में मिली जगह

बाली, एजेंसी। यूक्रेन व रूस के बीच संघर्ष के मद्देनजर बाली में हो रहे G20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को सलाह दी थी जिसे समिट (G20) के communique में जगह मिली है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'यह युग जंग का नहीं है।' G20 के सदस्य देश के नेताओं ने यूक्रेन में रूस के हमले की कड़े शब्दों में आलोचना की। साथ ही बिना शर्त जंग को खत्म करने की मांग रखी। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल या इसके जरिए धमकी का भी विरोध किया गया।

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जर्मन चांसलर के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने की द्विपक्षीय बैठक 

बता दें कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ द्विपक्षीय बैठक की। साथ ही UK के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ भारत-ब्रिटेन की व्यापक साझेदारी की समीक्षा की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी इटली के प्रधानमंत्री से बहुक्षेत्रीय साझेदारी की समीक्षा के लिए मिलेंगे।

पोलैंड में यूक्रेन से आया था राकेट 

इसके पहले पोलैंड के इलाके में राकेट गिरने से दो लोगों की मौत मामले के कारण समिट बाधित हुई। दरअसल राकेट गिरने के बाद इमरजेंसी बैठक की गई। इस बारे में अमेरिका ने खुलासा किया कि यह राकेट रूस ने नहीं यूक्रेन ने फायर किया था। NATO सदस्य पोलैंड ने बताया कि यूक्रेन से सटे पूर्वी पोलैंड में रॉकेट हमले में दो लोगों की मौत हो गई। रूस की ओर से ऐसे किसी रॉकेट हमले से इंकार किए जाने के बाद इसने रूसी राजदूत को समन किया था।

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दिसंबर में G-20 की अध्यक्षता का जिम्मा भारत को

बता दें कि दिसंबर में भारत G-20 की अध्यक्षता का जिम्मा ले रहा है, यह ऐसा समय है जब विश्व जियो पॉलिटिकल तनावों, आर्थिक मंदी और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों और महामारी के दुष्प्रभावों से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे समय विश्व G-20 के तरफ आशा की नजर से देख रहा है।

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