इंडोनेशिया में बाढ़ और भूस्खलन से नौ लोगों की मौत, हजारों लोगों ने शेल्टर हाउस में शरण लिया
इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा प्रांत में बाढ़ और भूस्खलन से नौ लोगों की मौत हो गई। इसके चलते हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर हजारों लोगों को अस्थायी आश्रयों में शरण लेनी पड़ी है।
मेदान, एएफपी। इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा प्रांत में अचानक आए बाढ़ और भूस्खलन से नौ लोगों की मौत हो गई। इसके चलते हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर हजारों लोगों को अस्थायी आश्रयों (Temporary Shelters) में शरण लेनी पड़ी है। स्थानिय आपदा प्रबंधन ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। बाढ़ के कारण सड़कें, बिजली और घरों को खासा नुकसान हुआ है।
एजेंसी ने कहा कि उत्तरी सुमात्रा में इस हफ्ते मूसलधार बारिश से काफी तबाही हुई है। एजेंसी के अनुसार लगातार बारिश के चलते तपनुली जिले में नदी का जलस्तर बढ़ गया। इसके चलते आसपास के क्षेत्र में बाढ़ आ गई। एजेंसी ने बताया कि पानी बहाव इतना तेज था कि ज्यादतर पीड़ित लकड़ी के बने घरों के साथ पीड़ित बह गए।
अवैध लकड़ी के घरों के कारण मिट्टी की पकड़ कमजोर
तपनुली आपदा प्रबंधन के प्रमुख ने बताया, हमें लगता है कि दो लोगों की मौत लकड़ी से चोट लगने की वजह से हुई। बड़े पैमाने पर अवैध लकड़ी के घरों के कारण मिट्टी की पकड़ कमजोर हो रही है। इसने तबाही में खासा योगदान दिया है। भूस्खलन का भी यह एक कारण होना सकता है।
70 लोगों की मौत
बता दें कि इस महीने देश में रिकॉर्ड तोड़ बारिश की वजह से बाढ़ और भूस्खलन में जकार्ता और उसके आसपास के इलाके में लगभग 70 लोगों की मौत हो गई। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता और आसपास के क्षेत्र में 30 मीलियन लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। इससे भारी तबाही हुई और लोगों को आश्रयों में शरण लेनी पड़ी। दक्षिण पूर्व एशियाई द्वीपसमूह बारिश के मौसम में नियमित रूप से बाढ़ की चपेट में रहता है, जो नवंबर के अंत में शुरू होता है।
इंडोनेशिया में भूकंप
इंडोनेशिया में गुरुवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई। यह भूकंप स्थानिय समयानुसार सुबह 6.46 मिनट पर आया। भूकंप का केंद्र कोटा टरनेट बताया जा रहा है। हालांकि,भूकंप के दौरान किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।