इंडोनेशिया आत्मघाती हमलाः एक ही परिवार ने दिया अंजाम, IS ने बताया शहादत
सोमवार को पुलिस हेडक्वार्टर पर हुए आत्मघाती हमले को एक ही परिवार ने अंजाम दिया था।
सुराबाया (एएफपी) सोमवार को पुलिस हेडक्वार्टर पर हुए आत्मघाती हमलों में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। नेशनल पुलिस चीफ टीटो कैरनेवियन ने बताया कि इस हमले को एक परिवार ने मिलकर अंजाम दिया। सोमवार को पुलिस हेडक्वार्टर हुए हमले में दो मोटरसाइिकल पर पांच लोग सवार होकर आए थे, सभी एक ही परिवार के सदस्य थे। इस हमले में एक आठ साल की बच्ची बच गई, उसके मां-बाप और दो भाइयों की मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि इससे पहले रविवार को शहर में चर्च पर आत्मघाती हमला हुआ था।
चर्च और पुलिस पर हो रहे हमलों से इंडोनेशिया दहल उठा है। दोनों जगहों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ग्रुप (आइएसआइएस) ने ली है। माना जा रहा है कि आइएस ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि दक्षिण-पूर्व एशिया में उसका आतंक बना रहे।
तीन महीने में होने हैं एशियाइ खेल
इंडोनेशिया में अभी तीन महीने बाद ही एशियाइ खेल होने हैं। ऐसे में एक बार फिर से इंडोनेशिया में आतंकी हमलों का सिलसिला चिंतनीय है। हालांकि इससे पहले इंडोनेशिया ने काफी बड़े आतंकी हमले देखे हैं। साल 2002 में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने बाली में बम धमाके किए थे। करीब 200 लोग मारे गए थे। जिनमें से ज्यादातर विदेशी पर्यटक थे। इसके बाद सुरक्षाबलों ने सैंकड़ों कट्टरपंथियों को पकड़ा था। एक बार फिर से आतंकी हमलों की शुरूआत हो गई है। लेकिन इस बार ये हमले घरेलू सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए छोटे रूप में किए जा रहे हैं। खास बात ये है कि इन हमलों में पूरे का पूरा परिवार ही शामिल है।
आइएसआइएस ने बताया शहादत
पुलिस हेडक्वार्टर पर हुए इस हमले को आइएसआइएस की एजेंसी अमाक ने शहादत का नाम दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी ने बताया कि शहीद होने की चाह से मोटरसाइकिल सवारों पुलिस हेडक्वार्टर के गेट पर खुद को उड़ा लिया।
स्थानीय चरमपंथी संगठन का काम
पुलिस और चर्च पर हमले के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा है। पुलिस रिसर्च सेंटर के एडे बनानी ने कहा कि बच्चों को बिना उनके भविष्य की चिंता किए मौत के मुंह में धकेल दिया गया। स्थानीय पादरी ने बताया कि चर्च में रविवार को हुए आत्मघाती हमले में चरमपंथी संगठन जमाह-अनश्रुत-दौला (जेएडी) का स्थानीय नेता शामिल था। यह संगठन आइएस को समर्थन करता है। वहीं, पुलिस जांच में सामने आया कि सोमवार को हुए पुलिस हेडक्वार्टर पर हमले में भी इसी संगठन के लोग शामिल थे। पुलिस का मानना है हो सकता है कि जेएडी अपने नेताओं के गिरफ्तार हो जाने के कारण ऐसा कर रहा हो।