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US Elections 2020: चीन से ट्रंप की नाराजगी, एक बार फिर कहा- वहां से आए वायरस को नहीं भूल सकूंगा

चीन में कोरोना वायरस से संक्रमण का पहला मामला पिछले साल के अंत में आया था और मार्च तक महामारी का रूप धारण कर लिया। US राष्ट्रपति का कहना है कि यदि चीन चाहता तो महामारी पर काबू पा सकता था जिसके कारण पूरी दुनिया इससे संघर्ष कर रही है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 02:12 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 02:12 PM (IST)
US Elections 2020: चीन से ट्रंप की नाराजगी, एक बार फिर कहा- वहां से आए वायरस को नहीं भूल सकूंगा
महामारी को लेकर चीन पर फिर बरसे ट्रंप

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump)  की  चीन के प्रति नाराजगी जारी है। ट्रंप ने कहा है यदि दोबारा वे जीतकर सत्ता में आते हैं तो चीन पर अमेरिका की निर्भरता को खत्म कर देंगे। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण खत्म हो जाने के बाद बीजिंग के साथ संबंधों को लेकर कहा कि इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध पहले की तरह नहीं हो पाएंगे क्योंकि वे कभी इस बात को नहीं भूल सकेंगे कि वायरस चीन से आया है। न्यूपोर्ट वर्जिनिया में शुक्रवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की इकोनॉमी काफी अच्छी चल रही थी लेकिन चीन से आए घातक वायरस ने सब तहस नहस कर दिया।

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ट्रंप ने कहा, 'उन्हें ऐसा नहीं होने देना चाहिए था। हम कभी नहीं भूलेंगे। हमने सीमाएं बंद कर दीं, लोगों की जिंदगियों को बचाया। अब हम दोबारा उठ रहे हैं।' वायरस के कारण दुनिया में सबसे अधिक संक्रमित देशों में अमेरिका है। 2 लाख से अधिक अमेरिकियों की इस संक्रमण के कारण मौत हो गई और देश की इकोनॉमी भी जर्जर अवस्था में पहुंच गई है जिसके कारण लाखों लोगों की नौकरियां चली गई। ट्रंप ने कहा कि यदि उन्हें दोबारा पावर दी जाती है तो अगले चार सालों में वे अमेरिका को दुनिया का सुपरपावर बना देंगे। उन्होंने कहा, 'हम चीन से हमेशा के लिए अपनी निर्भरता को खत्म कर देंगे।' 

बता दें कि पिछले साल के अंत में चीन के वुहान से निकले कोराना वायरस को 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा महामारी घोषित किया गया था। संगठन ने शुक्रवार को आशंका जाहिर की कि महामारी को रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं किए गए तो वैक्सीन के व्यापक प्रयोग से पहले 20 लाख से अधिक लोगों की मौत हो सकती है। चीन के नेशनल हेल्थ मिशन के अधिकारी झेंग झोंगवेई ने कहा कि चीन ने डब्ल्यूएचओ से कोरोना की प्रायोगिक वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए जून में ही मंजूरी ले ली थी। उस समय तक वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल भी पूरा नहीं हुआ था


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