Move to Jagran APP

कार्बन उत्सर्जन कम होने पर भी बढ़ा समुद्र का तापमान, दुनिया के 20 वैज्ञानिकों के शोध का नतीजा

कोरोना संकट के चलते जब दुनिया के कई मुल्‍कों में लॉकडाउन के दौरान वाहनों के पहिए थम गए थे और उद्योग धंधों में काम बंद हो गया था तब कार्बन उत्सर्जन में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी। बावजूद इसके समुद्र का वातावरण गर्म ही बना रहा। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 09:22 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 12:41 AM (IST)
कार्बन उत्सर्जन कम होने पर भी बढ़ा समुद्र का तापमान, दुनिया के 20 वैज्ञानिकों के शोध का नतीजा
2020 में कार्बन उत्सर्जन में रिकॉर्ड गिरावट के बावजूद समुद्र का वातावरण गर्म ही बना रहा है।

बीजिंग, एजेंसियां। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दुनिया भर में लॉकडाउन के कारण 2020 में कार्बन उत्सर्जन में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज हुई। बावजूद इसके समुद्र का वातावरण गर्म ही बना रहा। इतना गर्म कि वह सारे रिकॉर्ड तोड़ गया। यह जानकारी एक शोध में सामने आई है। यह शोध पत्र एडवांसेज इन एटमॉस्फियरिक साइंसेज नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, यह शोध अमेरिका, चीन और इटली के 13 संस्थानों से जुड़े 20 वैज्ञानिकों ने किया है। 

loksabha election banner

देर से जवाब देता है समुद्र 

वर्ष 2019 की तुलना में इस बार समुद्री जमीन ने ज्यादा गर्मी का अवशोषण किया। समुद्र के भीतर की गर्मी से वैश्विक समुद्री तापमान का निर्धारण होता है। शोध पत्र के मुख्य लेखक व चीन के वैज्ञानिक चेंग लीजिंग के अनुसार समुद्र का बढ़ रहा तापमान पर्यावरण में हो रहे बदलाव का सबसे प्रमुख संकेत है। दुनिया की 90 प्रतिशत से ज्यादा गर्मी का अवशोषण समुद्र करता है। हालांकि समुद्र इसका जवाब देर में देता है। ताजा मामले में भी ऐसा ही लग रहा है। 

हर दशक में बढ़ा तापमान 

पिछले आठ दशकों के समुद्र के तापमान का अध्ययन पर पता चलता है कि हर दशक में समुद्र का तापमान बढ़ा। 2020 में कार्बन उत्सर्जन बहुत कम हो जाने के बावजूद यह तापमान बढ़ा हुआ ही रिकॉर्ड हुआ। समुद्र का तापमान बढ़ने का मतलब ज्यादा बादलों की उत्पत्ति है। इससे भारी बारिश होती है और तूफान, ज्वार-भाटा आने का सिलसिला बढ़ता है। दुनिया के हर क्षेत्र के समुद्री किनारों पर तूफान आने का बढ़ा सिलसिला इसी का परिणाम माना जा रहा है।

हिंद महासागर की पारिस्थितिकी में सुधार की सलाह

वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के मियामी रोसेंशियल स्कूल ऑफ मरीन एंड एटमॉस्फियरिक साइंस के शोधकर्ताओं के दल ने पर्यावरण बदलाव पर हिंद महासागर में कार्य करने का प्रस्ताव रखा है। यह शोध समुद्र के उस इलाके में होगा जहां अन्य समुद्रों की तुलना में तापमान ज्यादा रहता है। शोधकर्ताओं ने हिंद महासागर के इस हिस्से में परिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की भी सलाह दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.