सिरेमिक के लिए दुनिया की पहली 4डी प्रिंटिंग प्रणाली की विकसित
वैज्ञानिकों ने सिरेमिक (मिट्टी के बर्तन) पर प्रिंटिंग के लिए दुनिया की पहली 4डी प्रिंटिंग तकनीक विकसित करने में सफलता हासिल की है।
बीजिंग [प्रेट्र]। वैज्ञानिकों ने सिरेमिक (मिट्टी के बर्तन) पर प्रिंटिंग के लिए दुनिया की पहली 4डी प्रिंटिंग तकनीक विकसित करने में सफलता हासिल की है। इसका इस्तेमाल जटिल और आकार बदलने वाली वस्तुओं को बनाने में किया जा सकता है। 4डी प्रिंटिंग पारंपरिक 3डी प्रिंटिंग के ही समान है, जिसमें चौथे आयाम के तौर पर वक्त को जोड़ा गया है। इसमें सिरेमिक को किसी बाह्य उद्दीपक जैसे कि तकनीक, चुंबकीय क्षेत्र अथवा यांत्रिक बल के जरिये समय के साथ किसी दूसरे आकार में ढाला जा सकता है। सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ हांग कांग के शोधकर्ताओं ने इसके लिए इलास्टिक एनर्जी का इस्तेमाल किया।
सिरेमिक का गलनांक उच्च होता है। इस कारण से सिरेमिक बनाने के लिए पारंपरिक लेजर प्रिंटिंग का प्रयोग मुश्किल है। वर्तमान में मौजूद 3डी प्रिंटिंग तकनीक के जरिये सिरेमिक तो तैयार की जा सकती है, लेकिन इससे उसे आकार बदलने वाला नहीं बनाया जा सकता। साथ ही जटिल आकृति वाली सिरेमिक भी इसके जरिये नहीं बनाई जा सकती। इन चुनौतियों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने नवीन सिरेमिक स्याही विकसित की। इसे पॉलीमर और सिरेमिक नैनोकणों को मिलाकर तैयार किया गया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस स्याही का प्रयोग पारंपरिक 3डी प्रिंटिंग की तरह ही किया जाता है। इससे तैयार सिरेमिक नर्म और लचीली होती है। इसे इसकी वास्तविक लंबाई से तीन गुना तक खींचा जा सकता है। इसका लचीला और खिंचावदार होने का गुण ही इसके आकार में बदलाव ला सकता है। वहीं, उचित हीट ट्रीटमेंट देने के बाद इसके जरिये जटिल आकृतियां भी तैयार की जा सकती हैं।
सिटी यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर लू जियान कहते हैं, इस प्रिंटिंग प्रणाली के लिए खास स्याही को विकसित करने के लिए हमने कई प्रयास किए। इसमें बहुत अधिक समय लगा। आखिरकार हमें ऐसे स्याही मिल गई, जिसके जरिये 4डी सिरेमिक प्रिंटिंग की जा सकती है। इसके जरिये कई चीजें तैयार की जा सकती हैं। अभी हम इस पर और काम कर रहे हैं, ताकि चीजों को तैयार करने के नए रास्ते तलाशे जा सकें।