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रोबोट इल्ली शरीर में पहुंचाएगी दवा, इस तरह किया तैयार

शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके जरिये रोगियों के उपचार में मदद मिलेगी। इस रोबोट इल्ली की मदद से शरीर के उन अंगों तक दवा पहुंचाई जा सकेगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 11:23 AM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 11:23 AM (IST)
रोबोट इल्ली शरीर में पहुंचाएगी दवा, इस तरह किया तैयार
रोबोट इल्ली शरीर में पहुंचाएगी दवा, इस तरह किया तैयार

बीजिंग [प्रेट्र]। दुनिया भर में रोबोटिक्स के क्षेत्र में तेजी से तरक्की हो रही है। वैज्ञानिक ऐसे रोबोट विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो हमारे कार्यों में हमारी मदद करने के साथ हमारे जीवन को आसान बना सकें। इसके साथ ही चिकित्सा क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए भी खास रोबोट विकसित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में वैज्ञानिकों ने एक नन्हा और सॉफ्ट रोबोट विकसित किया है, जो मरीज के शरीर में दवा पहुंचाने का काम करेगा। इसकी सबसे अनूठी बात यह है कि इसे कैटर्पिलर यानी इल्ली से प्रेरित होकर विकसित किया गया है। इसमें इल्ली की तरह पैर लगाए गए हैं, जो भारी वजन उठाने में सक्षम हैं।

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सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग (सिटीयू) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित यह रोबोट रक्त या श्लेष्म जैसे शरीर के तरल पदार्थ के जरिये शरीर के भीतर की सतहों पर आसानी से स्थानांतरित हो सकता है। इस रोबोट में एक मिलीमीटर से भी छोटे सैकड़ों नुकीले पैर लगाए गए हैं। शोधकर्ताओं ने इसे तैयार करने से पहले जमीन पर रहने वाले सैकड़ों जानवरों के पैरों की संरचना का अध्ययन किया। इनमें दो, चार, आठ या उससे भी ज्यादा पैरों वाले जानवर मौजूद थे। शोधकर्ताओं ने इनके पैरों की लंबाई और पैरों के बीच दूरी के अनुपात का अध्ययन किया।

शोधकर्ताओं का कहना है कि रोबोट के पैरों को नुकीला रखने के पीछे एक खास सोच थी। उन्होंने बताया कि इसके कारण सतह से उनका संपर्क बेहद कम स्थान पर रहता है, जिसके कारण सतह से घर्षण भी कम हो जाता है। प्रयोगशाला में जांच के दौरान शोधकर्ताओं ने देखा कि इस डिजाइन के कारण सूखे और तरल दोनों तरह के माहौल में सतह से इसका संघर्ष 40 गुना कम हो गया।

इस तरह किया तैयार

सिटीयू में एक सहायक प्रोफेसर शेन यजिंग, जिन्होंने इस रिसर्च का नेतृत्व किया है कहते हैं, ज्यादातर जानवरों की पैरों की लंबाई और पैरों के बीच दूरी का अनुपात 2:1 से 1:1 के बीच होता है। इसलिए हमने निर्णय लिया कि ऐसा रोबोट तैयार किया जाए, जिनमें यह अनुपात 1:1 का हो। इस रोबोट का शरीर बेहद पतला है, जो करीब 0.15 मिलीमीटर है। इसके सभी पैर शंकुदार हैं, जो 0.65 मिलीमीटर लंबे हैं। आपस में इनके बीच की दूरी करीब 0.6 मिलीमीटर है। इन्हें एक अनुपात एक की तर्ज पर तैयार किया गया है।

इन चीजों से किया निर्मित

इस रोबोट को सिलिकॉन मैटीरियल से बनाया गया है, जिसे पॉलीडिमैथिलसिलोक्सेन (पीडीएमएस) कहा जाता है। इसे चुंबकीय कणों के साथ एम्बेडेड किया गया है, जो इसे विद्युत चुंबकीय बल लागू करके दूर से नियंत्रित करने में सक्षम बनाता है। सिटीयू के वांग जुआंकाई के मुताबिक, इसका मैटीरियल और पैर इसकी हाइड्रोफोबिक प्रोपर्टी हैं। इसके अलावा रबड़ नरम होता है और किसी भी आकार में काटा जा सकता है।

इस तरह करता है गति

शोधकर्ताओं ने प्रयोग के दौरान चुंबकीय कणों के जरिये इसे नियंत्रित करके देखा। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसे इसके पैरों से आगे तो चलाया ही जा सकता है। इसके साथ ही इसे दाएं और बाएं भी मूव करा सकते हैं।

यह मिलेगी मदद

शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके जरिये रोगियों के उपचार में मदद मिलेगी। इस रोबोट इल्ली की मदद से शरीर के उन अंगों तक दवा पहुंचाई जा सकेगी, जहां अभी पहुंचना मुश्किल है। इसकी वजह से दवा सीधा वहां पहुंच सकेगी जहां उसकी जरूरत है। 


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