चीनी नोबेल विजेता की विधवा ने नजरबंदी के विरोध में जान देने की इच्छा जताई
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ली शाओबो की विधवा ली जिया ने अपनी नजरबंदी के विरोध में घर में ही जान देने की इच्छा जताई है।
By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 03 May 2018 06:40 PM (IST)Updated: Thu, 03 May 2018 06:40 PM (IST)
style="text-align: justify;">बीजिंग, एएफपी। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ली शाओबो की विधवा ली जिया ने अपनी नजरबंदी के विरोध में घर में ही जान देने की इच्छा जताई है। चीन ने उन्हें पिछले आठ साल से नजरबंद कर रखा है। ली शाओबो को 2010 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था। चीन सरकार ने तभी से 56 वर्षीय कवयित्री जिया को बिना किसी आरोप के पुलिस के कड़े पहरे में रखा है।
शाओबो ने चीन में लोकतांत्रिक सुधार की मांग की थी। इससे नाराज कम्युनिस्ट सरकार ने 2008 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पिछले साल जुलाई में कैद में ही उनकी मौत हो गई। अपनी नजरबंदी से आजिज जिया ने कहा है, 'जीने से मरना आसान है। लेकिन विरोध के लिए मौत को इस्तेमाल करना मेरे लिए इतना आसान भी नहीं होगा।' दुनिया के कई बड़े देशों ने जिया की हालात पर चिंता जताई है। साथ ही चीन सरकार से उन्हें जल्द मुक्त करने की अपील की है।
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