WHO ने बजाई खतरे की घंटी, कहा- कोरोना वायरस को महज मॉक ड्रिल के रूप में नहीं ले मुल्क
Cornavirus संगठन ने कहा है कि दुनिया के मुल्कों को इस संकट को एक मॉक ड्रिल के रूप में नहीं लेना चाहिए बल्कि इस पर गंभीरता से कदम उठाने चाहिए।
बीजिंग, एजेंसी । विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने चेतावनी देते हुए कहा है कि दुनिया के मुल्कों ने कोरोना वायरस Cornavirus के संकट को गंभीरता से नहीं लिया है। संगठन ने कहा है कि पूरे यूरोप में और अमेरिका में इस बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है। इन मुल्कों में चिकित्साकर्मियों ने अस्पताल की तैयारियों पर असंतोष जताया है। संगठन ने कहा है कि दुनिया के मुल्कों को इस संकट को एक मॉक ड्रिल के रूप में नहीं लेना चाहिए, बल्कि इस पर गंभीरता से कदम उठाने चाहिए।
85 देशों में लगभग 100,000 लोग संक्रमित
संगठन ने दुनिया भर के देशों से आग्रह किया है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कारगर और सख्त कदम उठाएं। इस पर अभी भी और काम किए जाने की जरूरत है। संगठन ने कहा कि इस वायरस से 85 देशों में लगभग 100,000 लोग संक्रमित है। इस बीमारी से अब तक 3,300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वैश्विक बाजार की अर्थव्यवस्था पर इसके पड़ने वाले प्रभाव पर भी संगठन ने ध्यान आकर्षित किया है।
लाखों छात्र प्रभावित, धार्मिक आयोजन भी प्रभावित
WHO ने कहा कि इटली, फ्रांस, ग्रीस और ईरान में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। एक क्रूज जहाज को कैलिफोर्निया के तट से दूर रखा गया, ताकि यात्रियों की जांच हो सके। इस महामारी ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार, पर्यटन, खेल कार्यक्रमों और स्कूलों पर कहर बरपाया है। दुनिया भर के लगभग तीस लाख छात्रों को घर भेज दिया गया है। इसके चलते कई धार्मिक कार्यक्रम भी प्रभावित हुए हैं। वेटिकन ने कहा कि पोप फ्रांसिस को अपना कार्यक्रम बदलना पड़ सकता है। बेथलहम को लॉकडाउन के तहत रखा गया था। सऊदी अरब ने इसे निष्फल करने के लिए मक्का में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल को खाली कर दिया।
यह लड़ाई अमीर और गरीब के बीच नहीं
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने गुरुवार को चेतावनी दी कि इस वायरस से निपटने के लिए देशों में राजनीतिक स्तर की प्रतिबद्धता नहीं दिख रही। संगठन ने कहा कि इस खतरे से निपटने के लिए एक वैश्विक कवायद जरूरी है। उन्होंने कहा यह लड़ाई अमीर और गरीब के बीच नहीं है। यह महामारी दुनिया के लिए खतरा है। टेड्रोस ने इसमें समन्वय के लिए प्रत्येक देश के सरकार के प्रमुखों को आमंत्रित किया है।