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हांगकांग की विज्ञानी ने कोरोना पर खोली चीन की पोल, कहा- सर्वोच्च स्तर पर जानकारी छुपाई

हांगकांग की विज्ञानी ली-मेंग यान ने कोरोना वायरस पर चीन का झूठ उजागर किया है। उन्होंने कहा है कि दुनिया के सामने वायरस के आने से पहले ही चीन इसके बारे में जानता था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 04:01 AM (IST)
हांगकांग की विज्ञानी ने कोरोना पर खोली चीन की पोल, कहा- सर्वोच्च स्तर पर जानकारी छुपाई
हांगकांग की विज्ञानी ने कोरोना पर खोली चीन की पोल, कहा- सर्वोच्च स्तर पर जानकारी छुपाई

हांगकांग, एएनआइ। हांगकांग की एक विज्ञानी ने कोरोना वायरस पर चीन का झूठ उजागर किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने वायरस के आने से पहले ही चीन इसके बारे में जानता था। चीन नियंत्रित हांगकांग को छोड़कर अमेरिका पहुंचने वाली वायरस विशेषज्ञ ली-मेंग यान ने दावा किया कि चीनी सरकार ने सर्वोच्च स्तर पर वायरस के बारे में जानकारी छुपाई थी। हालांकि बीजिंग यही दावा करता है कि उसने कोरोना के बारे में दुनिया से कोई जानकारी नहीं छुपाई।

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चीन ने शोध करने से मना कर दिया था

ली-मेंग यान ने फॉक्स न्यूज को शुक्रवार को दिए एक इंटरव्यू में बताया, 'चीनी सरकार ने हांगकांग के शोधकर्ताओं समेत विदेशी विशेषज्ञों को चीन में शोध करने की स्वीकृति देने से इन्कार कर दिया था।' उन्होंने कहा कि वह और चीन में मौजूद उनके साथियों के बीच शुरुआती दौर में इस विचित्र वायरस के बारे में चर्चा हुई थी, लेकिन बाद में अचानक चीनी साथियों रुख बदल गया क्योंकि कई डॉक्टरों और शोधकर्ताओं का मुंह बंद करा दिया गया था।

वैज्ञानिकों को चुप करा दिया गया था

चीन में महामारी का केंद्र रहे वुहान में वायरस के बारे में बोलने वालों को भी चुप करा दिया गया था। यान ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया कि वहां के कई डॉक्टरों ने कहा कि वे कुछ बोल नहीं सकते लेकिन मास्क पहनने की जरूरत है। इंसान से इंसान में संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हांगकांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वाइरालॉजी यान का कहना है कि वह दुनिया के उन वैज्ञानिकों में हैं, जिन्होंने कोरोना वायरस पर सबसे पहले शोध किया था।

चीन में सच बताती तो हत्‍या कर दी जाती

अमेरिका में अज्ञात जगह पर ठहरी यान ने कहा, 'मेरे अमेरिका पहुंचने का कारण यह है कि मैं कोरोना के बारे में सच बताना चाहती हूं। अगर मैं चीन में सच उजागर करती तो मुझे लापता कर दिया जाता या मेरी हत्या हो जाती।' इस बीच हांगकांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक प्रवक्ता ने कहा कि यान अब कर्मचारी नहीं रह गई हैं। मालूम हो कि चीन के वुहान शहर में गत दिसंबर में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। यहीं से यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया। 


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