ताइवान को दो अरब डॉलर के हथियार बेचेगा अमेरिका, चीन ने जताई चिंता
चीन को गुस्सा दिलाने के क्रम में अमेरिका ताइवान के साथ हथियारों का सौदा करने की योजना बना रही है।
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका बड़े रक्षा सौदे के तहत ताइवान को टैंक और कई हथियार बेचने की तैयारी कर रहा है। इन हथियारों की कीमत दो अरब डॉलर (करीब 14 हजार करोड़ रुपये) से ज्यादा बताई जा रही है। इस बिक्री पर चिंता जाहिर करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान से बचाने के लिए ताइवान को हथियार बेचना बंद करे।
इस हथियार सौदे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित खरीद के बारे में अमेरिकी संसद को सूचित किया जा चुका है। उन्होंने कहा, 'ताइवान को 108 एम1ए2 एबरैम्स टैंक के साथ ही एंटी-टैंक और एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल बेचे जाने की संभावना है।'
ताइवान को अपना हिस्सा बताने वाला चीन उस पर कब्जे के लिए कई बार सैन्य कार्रवाई की धमकी दे चुका है। वह द्वीपीय क्षेत्र ताइवान के साथ अमेरिका के संबंधों से चिढ़ता है। अमेरिका, ताइवान का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता देश है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने गत मार्च में कहा था, 'चीन के बढ़ते दबाव के मद्देनजर अमेरिका हमारी रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए नए हथियार खरीदने के हमारे आग्रह पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहा है।'
पिछले साल सैन्य उपकरण बेचने को दी थी मंजूरी
अमेरिका ने पिछले साल सितंबर में ताइवान को 33 करोड़ डॉलर के सैन्य उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी थी। इसमें एफ-16 लड़ाकू विमान और अन्य सैन्य विमानों के कलपुर्जे शामिल थे। इससे चिढ़े चीन ने अमेरिका को चेताया है कि उसके नए कदम से दोनों देशों के रिश्ते खतरे में पड़ सकते हैं।
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