अमेरिका के एक झूठ से तिलमिलाया है चीन, दक्षिण चीन सागर से जुड़ा है पूरा मामला
दक्षिण चीन सागर पर किए गए एक दावे से चीन अमेरिका पर तिलमिलाया हुआ है। अमेरिका का कहना कि यहां से चीन ने मिसाइल लॉन्च कर इलाके में तनाव फैलाने की कोशिश की है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका और चीन के तल्खी भरे रिश्ते किसी से छिपे नहीं है। वहीं, समय-समय पर इन रिश्तों में तल्ख्यिां बढ़ जरूर जाती हैं। हालिया मामले ने भी दोनों देशों के बीच तल्खियों को बढ़ाने का ही काम किया है। इस बार इसकी वजह अमेरिका का एक बयान बना है। दरअसल, पिछले दिनों अमेरिका में पेंटागन की तरफ से इस बात का दावा किया गया था कि विवादित समुद्री इलाके (एससीएस) में स्थित नानशा टापू से पीएलए ने मिसाइल लॉन्च की है। पेंटागन के मुताबिक, यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर निर्मित थी और टापू पर पीएलए द्वारा बनाए गए स्ट्रक्चर से इसको छोड़ा गया था। अमेरिका ने आगे बढ़ते हुए यहां तक कहा कि चीन के इस कदम से इस विवादित समुद्री इलाके के दूसरे दावेदारों और चीन के बीच विवाद बढ़ सकता है।
पेंटागन के इस बयान के बाद जब मीडिया में इस खबर को लेकर चर्चा हुई तो सबसे पहले फिलीपींस ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए स्वतंत्र रूप से इसकी जांच कराने की बात कह डाली। हालांकि, फिलीपींस के रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेनजाना ने ये भी कहा कि इस बारे में उसको खबर केवल मीडिया रिपोर्ट से ही मिली है। इस खबर के फैलने के बाद वियतनाम ने भी इस पर कड़ा रुख अपनाया। वियतनाम का कहना था कि वह मामले पर नजर रखे हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने इस खबर के सामने आने के बाद कहा कि यह कदम इलाके में तनाव ला सकता है। ऑस्ट्रेलिया ने ये भी कहा कि वह इस पूरे इलाके में शांति का पक्षधर है।
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से आया बयान इसलिए भी बेहद खास था, क्योंकि दक्षिण चीन सागर के ऊपर से उड़ान भरते हुए कई बार उसके लड़ाकू विमानों को लेजर वेपंस के हमलों से दो-चार होना पड़ा है। इसको लेकर कई बार ऑस्ट्रेलिया ने सार्वजनिक तौर पर शिकायत भी की है। जानकारों का कहना है कि यहां पर मौजूद निजी नौकाओं पर भी चीन ने इस तरह के हथियार लगाए गए हैं। हालांकि, ये हथियार कहने के लिए पायलट को सिर्फ आगाह करने के लिए लगाए हैं, लेकिन इनके हमले का असर कई दिनों तक पायलट पर रहता है।
दक्षिण चीन सागर के विवादित समुद्री इलाके के अन्य दावेदारों द्वारा की जा रही बयानबाजी के बाद चीन तिलमिलाया हुआ है। चीन ने अमेरिका को कड़े स्वर में जवाब देते हुए कहा है कि इस इलाके में 29 जून से 3 जुलाई तक मिलिट्री एक्सरसाइज की थी। इसकी घोषणा पहले ही चीन ने कर दी थी। चीन ने ये भी कहा कि इस एक्सरसाइज के बाद किसी भी तरह का कोई तनाव पैदा नहीं हुआ था। चीन ने कहा कि पेंटागन द्वारा यहां के द्वीप से मिसाइल दागे जाने की खबर पूरी तरह से झूठी और भटकाने वाली है।
आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि बीते कुछ वर्षों में यह समुद्री इलाका विभिन्न देशों द्वारा की जाने वाली मिलिट्री एक्सरसाइज का अहम गवाह रहा है। इतना ही नहीं, अमेरिका का परमाणु इंजन चलित विमान वाहक पोत भी यहां से गुजर चुका है। इस पर चीन ने कड़ा रुख अख्तियार किया था। इसके अलावा अमेरिका के बी52 बम वर्षक विमान भी इस विवादित इलाके से उड़ान भर चुके हैं। अमेरिका की बात करें तो पेंटागन की तरफ से कहा गया कि चीन ने यहां से मिसाइल परीक्षण कर इस इलाके के दूसरे दावेदारों को डराने और धमकाने की कोशिश की है।
इस पूरे घटनाक्रम पर चीन की सरकारी मीडिया ने भी अमेरिका को आड़े हाथों लिया है। ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में यहां तक लिखा गया है कि अमेरिका ने इस क्षेत्र में हमेशा ही मुश्किलें बढ़ाई हैं। इतना ही नहीं, उसने यहां पर अपने हक में पब्लिक ओपिनियन बनाने के लिए चीन को दुश्मन तक बनाने में परहेज नहीं किया है। अमेरिका ने हर बार चीन को यहां की सुरक्षा और शांति के लिए खतरा बताया है, जबकि हकीकत इसके उलट है।