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India China Tension: तनाव कम लेकिन एलएसी पर चालबाज चीन की तैयारियों में कमी नहीं, देपसांग के नजदीक हाईवे का कर रहा विस्तार

मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की घुसपैठ के बाद भारत और चीन के बीच पैदा हुआ तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है। देपसांग से चीनी सैनिकों के हटने को लेकर दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 07:22 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 07:22 PM (IST)
India China Tension: तनाव कम लेकिन एलएसी पर चालबाज चीन की तैयारियों में कमी नहीं, देपसांग के नजदीक हाईवे का कर रहा विस्तार
दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी है नजदीक

हांगकांग, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख में तनाव भले ही कम हो गया हो लेकिन चीन भारत से लगने वाली अपनी सीमा के नजदीक आधारभूत ढांचे के विकास की गति तेज किए हुए है। ऐसा बीते अगस्त महीने में सेटेलाइट की तस्वीरों से पता चलता है।

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मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की घुसपैठ के बाद भारत और चीन के बीच पैदा हुआ तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है। देपसांग से चीनी सैनिकों के हटने को लेकर दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है। इस बीच खबर है कि चीन ने थ्यानवेनडियन हाईवे का विस्तार शुरू कर दिया है। इसे बढ़ाकर देपसांग तक लाया जा रहा है। यहां से भारत की सबसे ऊंची हवाई पट्टी दौलत बेग ओल्डी केवल 24 किलोमीटर दूर है। यह जानकारी हांगकांग के अखबार एचके पोस्ट ने दी है। अखबार ने बताया है कि 17 अगस्त की तस्वीरों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के किनारे सड़क निर्माण होता दिखाई दे रहा है। यह इलाका अक्साई चिन के नजदीक है, जो पीएलए के नियंत्रण में है।

थ्यानवेनडियन हाईवे अक्साई चिन में पीएलए की सैन्य पोस्ट तक है और अब यह देपसांग के मैदानी इलाके को भी जोड़ेगा। इस पोस्ट पर भीषण बर्फबारी में भी चीनी सैनिक बने रहते हैं और वे निरंतर निगरानी का कार्य करते हैं। ताजा गतिरोध के दौर में चीन ने टैंक और अन्य भारी हथियार भारतीय सीमा के नजदीक पहुंचा दिए हैं। इस समय देपसांग से चीनी सैनिकों की वापसी के लिए भारत और चीन के बीच वार्ता चल रही है।

डेमचोक व हाटस्प्रिंग इलाके पर भी चीनी सैनिकों ने हालात खराब करने की कोशिश की

वहीं, दूसरी ओर लेह से करीब 300 किलोमीटर दूर डेमचोक व हाटस्प्रिंग इलाके में चीन की सेना द्वारा कई बार विवाद पैदा किए गए हैं। पूर्वी लद्दाख में पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई बार चीन के सैनिकों ने घुसपैठ कर हालात खराब करने की कोशिशें की हैं। अब गलवन के बाद हालात बदल गए हैं। क्षेत्र में भारतीय सेना पहले से कई गुणा मजबूत हो गई है।


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