भारतीय सैनिकों के साथ बेहतर संवाद के लिए चीनी सैनिकों को विशेषज्ञ ने दी ये सलाह
डोकलाम विवाद के बाद चीन पर भारत की चिंता बढ़ गई है। इसलिए भारत ने अपने सैनिकों को चीनी सैनिकों से बातचीत करने के लिए और गलतफहमियों से बचने के लिए चीनी भाषा मंदारिन सीखने को कहा है।
बीजिंग (प्रेट्र)। चीन को अपने सैनिकों को सीमावर्ती इलाकों में भारतीय सैनिकों के साथ बेहतर संवाद करने के लिए हिंदी सिखानी चाहिए। इससे अनावश्यक गलतफहमी से भी बचा जा सकता है। एक चीनी विशेषज्ञ हू झियोंग के हवाले से चीन की ग्लोबल टाइम्स में ये बातें कही गई है। पिछले सप्ताह गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ लगे सीमाओं की रक्षा के लिए आईटीबीपी जवानों और अफसरों की सराहना की। बताया जाता है कि इसके लिए उन्हें चीन की भाषा मंदारिन का बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया था।
हू ने कहा, "डोकलाम विवाद के बाद चीन पर भारत की चिंता बढ़ गई है। इसलिए भारत ने अपने सैनिकों को चीनी सैनिकों से बातचीत करने के लिए और गलतफहमियों से बचने के लिए चीनी भाषा मंदारिन सीखने को कहा है।'' हू ने सुझाव दिया कि दोनों पक्षों के सीमावर्ती सैनिकों को एक दूसरे की संस्कृति, भाषा और रीति-रिवाजों को सीखना चाहिए। यह उनकी दोस्ती बढ़ाने में मदद करता है, साथ ही इससे अपने लक्ष्य को जान समझने में मदद मिलती है और जिससे जीत आसान हो सकती है।
एक चीनी सिपाही ने ग्लोबल टाइम्स को बताया, ये भारतीय सैनिक थोड़ा मंदारिन बोल सकते हैं, लेकिन ज्यादातर समय ये हिंदी बोलते हैं। उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्षों के सैनिक आमतौर पर आपस में अंग्रेजी में संवाद करते हैं, और कभी-कभी हाथ संकेतों का उपयोग करते हैं।
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