आपकी चाय में मौजूद कैफिन है बेहद खतरनाक, चीन में मिला कैफिन फ्री पौधा
चाय में मौजूद कैफिन शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। लेकिन चीन में एक ऐसा पौधा मिला है जिसमें कैफिन की मात्रा न के बराबर है। यह कई औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। चाय जो आज हमारे जीवन का सबसे अहम हिस्सा बन चुकी है, इसको लेकर हम लोगों को बेहद कम जानकारी है। आपको बता दें कि दुनियाभर में हर रोज तीन मैट्रिक टन चाय का सेवन किया जाता है। इसके अपने फायदे भी कम नहीं है। इनमें सबसे बड़ा फायदा तो ये ही है कि चाय कॉलेस्ट्रॉल को कम करती है और कार्डियोवस्कुलर डिजीज के भी खतरों को कम करती है। लेकिन इसका एक पक्ष और भी है। दरअसल, इसमें मौजूद कैफिन जहां आपकी मैंटल अलर्टनेस को इंप्रूव करता है वहीं एंग्जाइटी, इंसोमेनिया समेत दूसरी परेशानियों को बढ़ा देता है।
दरअसल, चाय की पत्तियों को जब कार्बन डाइऑक्साइड के साथ गर्म पानी में डुबोया जाता है तो इसमें से निकलने वाला कैफिन कोलेट्रिल डैमेज का कारण बनता है। हालांकि इसको लेकर कई बार लोग अपने अपने तर्क देते हैं। कुछ ऐसा करने से चाय का स्वाद खराब होने की भी बात करते हैं लेकिन इससे होने वाली समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देते हैं।
यह एक बड़ा सवाल है कि चाय के स्वाद को बिना कैफिन के आखिर कैसे बरकरार रखा जा सकता है। टी रिसर्च ऑफ द चाइनीज अकादमी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस के लियांग चेन और जी कियांग जिन ने दक्षिण चीन में स्थित फुजियान प्रांत में कुछ पौधों को खोजा है। जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड कैमिस्ट्री में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यह पौधे न सिर्फ कैफिन से फ्री हैं बल्कि यह औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं जो आपकी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद हैं। हालांकि यह बात भी सामने आई है कि इस तरह का पौधा पहली बार नहीं तलाशा गया है। वर्ष 2011 में गुआंगडोंग प्रांत में ऐसा चाय का पौधा खोजा गया था। इसमें कैफिन की मात्रा या तो है ही नहीं या बेहद कम मात्रा में है। इसका नाम कैमेलिया टिलोफेला है। इतना ही नहीं इसमें शामिल औषधीय गुण मोटापे के इलाज में भी सहायक हैं। इस पौधे पर अब भी रिसर्च जारी है।
इसको स्थानीय भाषा में होंगयाचा कहा जाता है। यह पौधा समुद्र तल से करीब 700 से 1000 मीटर की ऊंचाई पर पाया गया है। जहां तक होंगयाचा की बात है तो इसको लेकर अभी तक लैब टेस्ट नहीं किया गया है। लेकिन इस क्षेत्र के लोगों ने इस बारे में कुछ प्रयोग किए हैं और इसके गुणों को जाना है। इसके मुताबिक यह पौधा सर्दी लगने, पेट के दर्द और बुखार के इलाज में काफी सहायक है। डॉक्टर चेन और उनके साथी के मुताबिक इसमें कैफिन नहीं है। इतना ही नहीं इस पौधे के पत्ते ट्यूमर जैसी बीमारी को भी रोकने में सहायक है। इसके अलावा शरीर में नई ब्लड सेल्स को बनाने और उन्हें विकसित करने में भी यह लाभदायक है।
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