रुक नहीं रही ड्रैगन की दबंगई, ताइवान के क्षेत्र में इस साल 950 चीनी लड़ाकू विमानों ने की घुसपैठ
इस वर्ष चीन के 950 लड़ाकू विमानों ने ताइवान के क्षेत्र में घुसपैठ की। वर्ष 2020 के मुकाबले इस साल ऐसे मामलों में 60 फीसद की वृद्धि हुई है। सनद रहे चीन ताइवान पर बलपूर्वक कब्जे की धमकी भी दे चुका है।
ताइपे, एएनआइ। चीन द्वीपीय क्षेत्र ताइवान को धमकाने की मंशा से अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करता रहता है। इस प्रयास में उसके लड़ाकू विमान अक्सर ही ताइवान के वायु क्षेत्र में दाखिल हो जाते हैं। हाल के वर्षों में इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इस वर्ष चीन के 950 लड़ाकू विमानों ने ताइवान के क्षेत्र में घुसपैठ की। वर्ष 2020 के मुकाबले इस साल ऐसे मामलों में 60 फीसद की वृद्धि हुई है।
ताइवानी मीडिया के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में चीनी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इंस्टीट्यूट फार नेशनल पालिसी रिसर्च के निदेशक कुओ यू-जेन ने आगाह किया, 'चीन अगले साल ताइवान के क्षेत्र में और बड़ी संख्या में अपने लड़ाकू विमानों को भेजेगा।' बता दें कि चीन इस द्वीपीय क्षेत्र को अपना मानता है। वह इस पर बलपूर्वक कब्जे की धमकी भी दे चुका है।
बीते 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन चीन ने ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटीफिकेशन जोन (एडीआइजेड) में पनडुब्बी रोधी विमान भेजा था। चीन ने ताइवान के एडीआइजेड में एक शानक्सी वाई-8 पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) विमान भेजा था। ताइवान न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस साल अक्टूबर की शुरुआत में चीन की तरफ से सबसे ज्यादा घुसपैठ हुई जिसमें 4 अक्टूबर को भेजे गए रिकार्ड 56 विमान शामिल हैं।
बता दें कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है जबकि ताइवान की करीब ढाई करोड़ आबादी चीन की मुख्य सीमा से काफी अलग रहती है। दोनों पक्ष सात दशकों से अधिक समय से अलग-अलग शासित हैं। वहीं ताइपे ने अमेरिका समेत विभिन्न देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूती देकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है। चीन धमकी भी दे चुका है कि 'ताइवान की आजादी' का मतलब युद्ध है।