चीन से खतरे के चलते ताइवान बढ़ाएगा अपनी सुरक्षा क्षमता
साई ने सरकार के ऑनलाइन फेसबुक पेज पर एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम पूरे समाज की रक्षा के लिए अपनी सुरक्षा के उपाय करेंगे।'
By Manish NegiEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 05:15 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 05:15 PM (IST)
style="text-align: justify;">ताइपे, एपी। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार चीन से बढ़ते सैन्य खतरे को देखते हुए ताइवान की सुरक्षा क्षमता बढ़ाने के उपाय करेगी। साई ने सरकार के ऑनलाइन फेसबुक पेज पर एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम पूरे समाज की रक्षा के लिए अपनी सुरक्षा के उपाय करेंगे।'
लंबे गृहयुद्ध के बाद ताइवान 1949 में चीन से अलग हो गया था। लेकिन चीन ने कभी उसे स्वतंत्र देश की मान्यता नहीं दी। वह आए दिन ताइवान को बल प्रयोग कर अपने में मिलाने की धमकी देता रहता है। सैन्य अभ्यास के नाम पर वह अक्सर ताइवान की हवाई व जलसीमा में अपने लड़ाकू विमान और युद्धपोत भेजकर दबाव बनाने की कोशिश करता है। 2016 में ताइवान की राष्ट्रपति बनीं साई ने 'एक चीन नीति' को खारिज कर दिया है। इस नीति में ताइवान को चीन का हिस्सा बताया गया है। ताइवान ने औपचारिक रूप से कभी चीन से अलग होने की घोषणा नहीं की है।
लंबे गृहयुद्ध के बाद ताइवान 1949 में चीन से अलग हो गया था। लेकिन चीन ने कभी उसे स्वतंत्र देश की मान्यता नहीं दी। वह आए दिन ताइवान को बल प्रयोग कर अपने में मिलाने की धमकी देता रहता है। सैन्य अभ्यास के नाम पर वह अक्सर ताइवान की हवाई व जलसीमा में अपने लड़ाकू विमान और युद्धपोत भेजकर दबाव बनाने की कोशिश करता है। 2016 में ताइवान की राष्ट्रपति बनीं साई ने 'एक चीन नीति' को खारिज कर दिया है। इस नीति में ताइवान को चीन का हिस्सा बताया गया है। ताइवान ने औपचारिक रूप से कभी चीन से अलग होने की घोषणा नहीं की है।
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