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चीन और ताइवान में तनातनी और बढ़ी, हांगकांग के दो सरकारी अधिकारियों के वीजा रद

चीन से बढ़ी तनातनी के बीच ताइवान ने हांगकांग के दो सरकारी अधिकारियों के वीजा रद कर दिए हैं। दोनों अधिकारी वीजा अनुमति रद होने के बाद हांगकांग लौट आए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 06:46 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 03:11 AM (IST)
चीन और ताइवान में तनातनी और बढ़ी, हांगकांग के दो सरकारी अधिकारियों के वीजा रद
चीन और ताइवान में तनातनी और बढ़ी, हांगकांग के दो सरकारी अधिकारियों के वीजा रद

हांगकांग, रायटर। चीन से बढ़ी तनातनी के बीच ताइवान ने हांगकांग के दो सरकारी अधिकारियों के वीजा रद कर दिए हैं। हांगकांग चीन के अधिकार वाला अर्ध स्वायत्त क्षेत्र है। चीन द्वारा हाल ही में वहां पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किए जाने से हांगकांग की स्वायत्तता खतरे में पड़ गई है। ताइवान समेत दुनिया के प्रमुख देशों ने चीन के इस कदम का विरोध किया है। वीजा रद करने का ताइवान का ताजा कदम इसी विरोध के परिणामस्वरूप माना जा रहा है।

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हांगकांग के आर्थिक, व्यापार और सांस्कृतिक मामलों के ताइवान स्थित कार्यालय में तैनात दोनों अधिकारी वीजा अनुमति रद होने के बाद हांगकांग लौट आए हैं। हांगकांग सरकार ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए ताइवान के फैसले पर विरोध जताया है। ताइवान की ताइवान-चाइना पॉलिसी मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल ने वीजा रद करने के फैसले की पुष्टि करने से इन्कार करते हुए कहा है कि उनके देश को मर्यादा की रक्षा का अधिकार है।

हांगकांग सरकार ने नागरिकों पर जिस तरह की बेवजह की बंदिशें लगाई हैं, वे गलत हैं। पिछले सप्ताह हांगकांग में तैनात ताइवान के वाणिज्य दूतावास के कार्यकारी प्रमुख अपने वीजा का नवीनीकरण न होने की वजह से ताइवान लौट गए थे। उन्होंने आवेदन के साथ चीन की एक राष्ट्र सिद्धांत की मान्यता को लिखित रूप में स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था। इसके चलते उनके वीजा का नवीनीकरण नहीं हुआ था।

इधर हांगकांग में चीन का राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद अब वहां पर फिर से चीन के लिए प्रत्यर्पण का खतरा पैदा हो गया है। अब चीन ने कहा है कि अगर आंदोलन हिंसात्मक हुआ तो उसमें शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर अदालत में सुनवाई के लिए चीन की धरती पर भेजा जा सकता है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए चीन अब हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि कर सकता है।  


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