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ताइवान के सैन्‍य अभ्‍यास से चीन से बढ़ सकता है तनाव, अमेरिका की पैनी नजर

खास बात यह है कि साई का यह सैन्‍य अभ्‍यास ऐसे समय हो रहा है जब चीन यह कह चुका है कि ताइवान को अपने क्षेत्र में बल द्वारा अपने नियंत्रण में लाया जाना चाहिए।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 03:01 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 03:03 PM (IST)
ताइवान के सैन्‍य अभ्‍यास से चीन से बढ़ सकता है तनाव, अमेरिका की पैनी नजर
ताइवान के सैन्‍य अभ्‍यास से चीन से बढ़ सकता है तनाव, अमेरिका की पैनी नजर

काऊशुंग, एजेंसी । ताइवान में स्‍वाधीनता समर्थक व नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति साई इंग वेन ने सैन्‍य अभ्‍यास की एक श्रृंखला के तहत मरीन ड्रील किया। नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति साई ने कहा कि इस ड्रील में छोटे हथियारों से लैस हमलावरों के खतरों को बेअसर करने पर ध्‍यान केंद्रित किया गया है। खास बात यह है कि साई का यह सैन्‍य अभ्‍यास ऐसे समय हो रहा है, जब चीन यह कह चुका है कि ताइवान को अपने क्षेत्र में बल द्वारा अपने नियंत्रण में लाया जाना चाहिए।

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ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि इस सैन्‍य अभ्‍यास से चीन भड़क सकता है। ताइवान के इस कदम से दोनों के रिश्‍ते और गड़बड़ हो सकते हैं। हालांकि, ताइवान की सेना आमतौर पर लूनर न्यू ईयर त्योहार पर द्वीप की रक्षा के लिए अपनी तैयारी दिखाने के लिए मध्य-सर्दियों में अभ्यास करती है, जो इस वर्ष 25 जनवरी से शुरू होता है।

गौरतलब है कि गत वर्ष  चीनी सेना ने ताइवान के नजदीक पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास किया था। यह युद्धाभ्यास ऐसे वक्त हुआ जब चीन ने हाल में चेतावनी दी थी कि यदि ताइवान स्वतंत्रता की ओर बढ़ा तो युद्ध छिड़ सकता है। दरअसल, अमेरिका द्वारा ताइवान को 2.2 अरब डॉलर के रक्षा सौदे को मंजूरी देने के बाद से यह विवाद गरमाया था।

खास बात यह है कि यह अभ्यास ऐसे वक्त हुआ जब अमेरिकी नौसेना का जंगी जहाज ताइवान जलडमरूमध्य से होकर गुजरे थे। अमेरिका के इस कदम पर चीन ने आपत्ति जताई थी। बता दें कि 2016 में राष्ट्रपति साई इंग वेन के सत्ता में आने के बाद से बीजिंग और ताइपे के बीच संबंध काफी तल्‍ख हैं। साई की पार्टी इस विचार को मान्यता देने से इनकार करती है कि ताइवान ‘एक चीन’ का हिस्सा है। इसके बाद से ही चीन ने ताइवान के निकट सैन्य अभ्यास बढ़ा दिए हैं और द्वीप पर आर्थिक दबाव भी डाल दिया है। 


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