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कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद हांगकांग पर भड़का ताइवान, जानें पूरा मामला

चीन शासित हांगकांग से ताइवानी कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद ताइवान ने हांगकांग की कड़ी निंदा की है। ताइवान पर चीनी संप्रभुता का दावा करने वाले दस्तावेज पर दस्तखत नहीं करने पर हांगकांग छोड़ने का निर्देश देने के बाद ताइवानी कर्मियों ने हांगकांग से लौटना शुरू कर दिया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 05:17 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 05:17 PM (IST)
कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद हांगकांग पर भड़का ताइवान, जानें पूरा मामला
चीन शासित हांगकांग से ताइवानी कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद ताइवान ने हांगकांग की कड़ी निंदा की है।

ताइपे, रायटर। चीन शासित हांगकांग से ताइवानी कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद ताइवान ने हांगकांग की कड़ी निंदा की है। ताइवान पर चीनी संप्रभुता का दावा करने वाले दस्तावेज पर दस्तखत करने का दबाव डालने और ऐसा नहीं करने पर हांगकांग छोड़ने का निर्देश देने के बाद विगत रविवार से ही ताइवानी कर्मियों ने हांगकांग से लौटना शुरू कर दिया। ताइवानी कर्मचारी रविवार को पूर्व ब्रिटिश कालोनी हांगकांग के प्रतिनिधि कार्यालय से हांगकांग सरकार की मांग के बाद लौटने लगे हैं।

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चीन शासित हांगकांग सरकार ने ताइवान के संदर्भ में 'वन चाइना' नीति का समर्थन करने को कहा है। इस पर भड़के ताइवान की मुख्य परिषद के प्रमुख चियु ताइ सान ने संवाददाताओं को सोमवार को बताया कि हांगकांग सरकार की मनमानी वाली अपील को देखते हुए वर्क वीजा वाले कर्मचारियों का वीजा खत्म हो रहा है। यहां के अधिकारियों को वापस उनके देश भेजा जा रहा है। हांगकांग सरकार की ओर से दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करने पर उन्हें 21 जून को हांगकांग छोड़ना पड़ेगा।

ताइवान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार की दोपहर को सात अधिकारी द्वीप पर लौट आए हैं। वहीं ताइपे और बीजिंग के बीच की तनातनी में आजादी पसंद हांगकांग के लोग खुलकर ताइवान का साथ देने लगे हैं। खासकर तब से जब से ताइवान ने उस पर थोपे गए चीन के एक शहरी कानून को मानने से इन्कार किया है जो पहले से ही हांगकांग पर थोपा जा चुका है। साथ ही ताइवान ने हांगकांग के लोगों को उसके द्वीप में आकर बसने का आमंत्रण दिया है।

मालूम हो कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की सरकार हांगकांग सरकार पर 'एक चीन' की प्रतिबद्धता को स्वीकार करने के लिए दस्तावेजों पर दस्तखत करवा चुकी है। वहीं ताइवान ने कहा है कि वह कभी भी 'एक चीन' की नीति या 'एक देश और दो प्रणालियों' की नीति को नहीं स्वीकार करेगा। ताइवान के सत्तारूढ़ दल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के उप महासचिव लिन फी फैन ने कहा है कि केवल स्थानीय स्टाफ ही दफ्तर में रुकेगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि ताइवान कभी भी 'एक चीन' की नीति को नहीं स्वीकार करेगा।


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