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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में लोग रख सकेंगे सिर्फ 10 हजार डालर, सरकार ने विदेशी मुद्रा रखने की सीमा घटाई

विदेशी मुद्रा की भीषण किल्लत का सामना कर रहे श्रीलंका की सरकार ने निजी स्तर पर डालर रखने की सीमा 15 हजार से घटाकर 10 हजार कर दी है। यानी अब देश का कोई नागरिक 10 हजार डालर या उसके बराबर की विदेशी मुद्रा ही अपने पास रख सकेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 07:10 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 07:25 PM (IST)
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में लोग रख सकेंगे सिर्फ 10 हजार डालर, सरकार ने विदेशी मुद्रा रखने की सीमा घटाई
श्रीलंका का कोई नागरिक 10 हजार डालर या उसके बराबर की विदेशी मुद्रा ही अपने पास रख सकेगा।

कोलंबो, पीटीआइ। विदेशी मुद्रा की भीषण किल्लत का सामना कर रहे श्रीलंका की सरकार ने निजी स्तर पर डालर रखने की सीमा 15 हजार से घटाकर 10 हजार कर दी है। यानी, अब देश का कोई नागरिक 10 हजार डालर या उसके बराबर की विदेशी मुद्रा ही अपने पास रख सकेगा। सरकार ने तेजी से कम होते विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है।

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ताकि बना रहे विदेशी मुद्रा का प्रवाह

श्रीलंका के वित्त मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया, ताकि बैंकिंग प्रणाली में ज्यादा से ज्यादा विदेशी मुद्रा का प्रवाह बना रहे। देशवासियों को 10 हजार डालर या उसी के बराबर की राशि को छोड़कर बाकी विदेशी मुद्रा को बैंक में जमा कराने अथवा अधिकृत डीलर को बेचने के लिए कहा गया है।

कहां से आई रकम देनी होगी जानकारी

यह निर्देश 16 जून से प्रभावी है और लोगों को 14 कार्य दिवसों में अतिरिक्त विदेशी मुद्रा जमा कराने को कहा गया है। सेंट्रल बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरसिंघे ने करीब एक महीने पहले ही बताया था कि सरकार निजी स्तर पर विदेशी मुद्रा रखने की सीमा 15 हजार डालर से घटाकर 10 हजार करने पर विचार कर रही है। विदेशी मुद्रा रखने वालों को सप्रमाण यह बताना होगा कि वह कहां से आई।

मदद के लिए आज पहुंचेगा अमेरिकी दल

दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुके श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत व मदद के लिए अमेरिका का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को कोलंबो पहुंचेगा। भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय कर्ज के भुगतान से हाथ खड़े करने पड़े थे और ऐसा करने वाला वह दशकों में पहला हिंद-प्रशांत देश बन गया था। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में ट्रेजरी विभाग के उप सहायक मंत्री (एशिया) राबर्ट कापरोथ व विदेश विभाग के अधिकारी शामिल हैं, जो 29 जून तक श्रीलंका में रहेंगे। 


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