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इस साल दिवालिया हो सकता है श्रीलंका, चीन के कर्ज के जाल में फंसे पड़ोसी मुल्‍क में रिकार्ड स्तर पर मुद्रास्फीति

इस साल श्रीलंका दिवालिया हो सकता है। चीन के कर्ज के जाल में फंसे इस पड़ोसी मुल्‍क में मुद्रास्फीति रिकार्ड 11.1 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। इसके साथ ही बड़ी कर्ज देयता की वजह से श्रीलंका में हालात और खराब हो गए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 06:10 AM (IST)
इस साल दिवालिया हो सकता है श्रीलंका, चीन के कर्ज के जाल में फंसे पड़ोसी मुल्‍क में रिकार्ड स्तर पर मुद्रास्फीति
इस साल श्रीलंका के दिवालिया होने की आशंका है।

कोलंबो, एएनआइ। पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय गहरे वित्तीय एवं मानवीय संकट से जूझ रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वहां मुद्रास्फीति रिकार्ड 11.1 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है और इस साल देश के दिवालिया होने की आशंका है। देश की मुद्रा का जबर्दस्त अवमूल्यन होने के बाद पिछले साल 30 अगस्त को श्रीलंका सरकार ने राष्ट्रीय वित्तीय आपातकाल घोषित किया था।

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लगातार गिर रही अर्थव्‍यवस्‍था 

कोलंबो गजट में एक लेख में सुहैल गुप्तिल ने लिखा है कि पिछले दशक के अधिकांश हिस्से में श्रीलंका लगातार दोहरे घाटे (वित्तीय एवं व्यापार) का सामना करता रहा है। 2014 से 2019 तक श्रीलंका का विदेशी कर्ज बढ़कर जीडीपी का 42.6 प्रतिशत हो गया है। 2019 में श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज तकरीबन 33 अरब अमेरिकी डालर था।

चीन के कर्ज तले दबा श्रीलंका 

इसमें से करीब पांच अरब डालर उसने चीन से लिया था जबकि चीन से एक अरब डालर का कर्ज उसने पिछले साल भी लिया है। इन परिस्थितियों में कई क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने श्रीलंका की क्रेडिट रेटिंग को घटा दिया है। इन एजेंसियों में स्टैंडर्ड एंड पूअर और मूडी शामिल हैं। रेटिंग घटने से श्रीलंका के लिए इंटरनेशनल सावरिन बांड्स (आइएसबी) के जरिये धनराशि हासिल करना मुश्किल हो गया है।

देनदारी ज्‍यादा, आमदनी घटी 

श्रीलंका में वित्तीय संकट प्राथमिक रूप से कम वृद्धि दर की वजह से है जो वर्तमान में चार प्रतिशत पर है। बड़ी कर्ज देयता की वजह से हालात और खराब हो गए हैं। नवंबर, 2021 में देश के पास सिर्फ 1.6 अरब डालर का विदेशी मुद्रा कोष था, जबकि अगले 12 महीनों में श्रीलंका सरकार और उसके निजी क्षेत्र को 7.3 अरब डालर का घरेलू और विदेशी कर्ज चुकाना है।

चीनी विदेश मंत्री से बात 

वहीं चीन लगातार श्रीलंका पर डोरे डाल रहा है। रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ वार्ता की। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नेताओं ने कर्ज संकट, पर्यटन को बढ़ावा देने, निवेश और कोरोना महामारी के खिलाफ संघर्ष समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। गौरतलब है कि दोनों देश कूटनीतिक संबंधों की 65वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

चीन से मदद की आस 

वांग से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कहा कि यदि चीनी कर्ज का पुनर्निधारण कर दिया जाए तो श्रीलंका को बहुत मदद मिलेगी। चीन के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात अच्छी रही। हमनें श्रीलंकाई छात्रों की चीन वापसी को लेकर चर्चा की। चीनी विदेश मंत्री वांग ने राजपक्षे से मुलाकात के बाद पोर्ट सिटी मैरिना प्रोमेनाडे को लोगों के लिए खोलने की घोषणा की।  


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