हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून से लोकतंत्र समर्थक पादरियों के चीन प्रत्यर्पित किए जाने का खतरा- US Watchdog
अमेरिकी क्रिश्चियन वॉचडॉग के अनुसार हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने पर लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं धर्मगुरुओं व पादरियों को चीन प्रत्यर्पित किए जाने का खतरा है।
हांगकांग, एएनआइ। चीन द्वारा हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में अमेरिकी क्रिश्चियन वॉचडॉग के अनुसार लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं और धर्मगुरुओं सहित पादरियों को चीन में ट्रायल के लिए प्रत्यर्पित किए जाने का खतरा है। इस कानून के तहत हांगकांग के पादरी कार्डिनल जोसेफ ज़ेन और सहायक बिशप जोसेफ हा ची-शिंग जैसे हांगकांग के लोकतंत्र आंदोलन के समर्थकों को चीन में प्रत्यर्पित करने की कोशिश हो सकती है। ये लोग काफी मुखर विरोधी हैं ऐसे में चीन इन्हें खतरे के तौर पर देखता है। फॉक्स न्यूज ने इसकी जानकारी इंटरनेशनल क्रिश्चियन कंसर्न (ICC)के हवाले से दी।
अमेरिकी क्रिश्चियन वॉचडॉग के अनुसार अन्य सैकड़ों प्रदर्शनकारी नेता या ईसाई संगठन, जिन्होंने हांगकांग सरकार के खिलाफ सक्रिय रूप से बात की है, वे भी इसका सामना कर सकते हैं। चीन ने कहा है कि पिछले साल जून में शुरू हुए बड़े पैमाने पर शुरू हुए विरोध प्रदर्शन को आतंकवादी गतिविधी और हांगकांग की आजादी की मांग को देशद्रोह मानता है। पिछले हफ्ते, चीनी अधिकारियों ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी की तीन दिवसीय बैठक के बाद हांगकांग के लिए नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का विवरण दिया।
इस विवादास्पद कानून में छह चैप्टर और 66 आर्टिकल शामिल हैं। इसमें हांगकांग की राष्ट्रीय सुरक्षा, अपराधों और दंड, अधिकार क्षेत्र और कानून प्रवर्तन के प्रावधान शामिल हैं। मसौदा दस्तावेज में राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में चीनी अधिकारियों की मुख्य जिम्मेदारियों की सूची है, साथ ही इसे बनाए रखने के लिए हांगकांग की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
आलोचकों का कहना है कि यह कानून हांगकांग निवासियों को एक देश दो प्रणाली समझौते के तहत मिलने वाली नागरिक स्वतंत्रता को खत्म कर देगा। यूनाइटेड किंगडम ने 1997 में चीन को वापस क्षेत्र सौंप था, तब से यह समझौता लागू है। एक वर्ष से अधिक समय से, हांगकांग के नागरिक प्रस्तावित प्रत्यर्पण बिल के विरोध में सड़कों पर हैं। इस कानून में देश के आपराधिक संदिग्धों को ट्रायल के लिए चीन भेजने की अनुमति देने का प्रावधान है।